वैशाली: बिहार में शिक्षा व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए शिक्षा विभाग ने अब अनुशासनहीनता और लेटलतीफी के मामलों पर कड़ा रुख अपनाना शुरू कर दिया है। ताजा मामले में वैशाली जिले के 110 शिक्षकों पर कार्रवाई करते हुए उनका एक दिन का वेतन रोक दिया गया है।
यह कार्रवाई उन शिक्षकों पर की गई है जो तय समय पर विद्यालय नहीं पहुंचे और ई-शिक्षा कोष पोर्टल पर अपनी उपस्थिति दर्ज नहीं करवाई। शिक्षा विभाग ने इसे गंभीर लापरवाही मानते हुए न सिर्फ वेतन रोका है, बल्कि सभी शिक्षकों से स्पष्टीकरण भी मांगा गया है।
डीईओ ने दी जानकारी
जिला शिक्षा पदाधिकारी (DEO) वीरेंद्र नारायण ने गुरुवार को इस संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि विभाग अनुशासन और समयबद्धता को लेकर किसी भी प्रकार की कोताही बर्दाश्त नहीं करेगा। उन्होंने कहा, “ई-शिक्षा कोष पोर्टल पर उपस्थिति दर्ज करना अनिवार्य है। 110 शिक्षकों ने इसका पालन नहीं किया, जिसके चलते कार्रवाई की गई है। अगर जवाब संतोषजनक नहीं मिला, तो भविष्य में और भी कड़ी कार्रवाई की जाएगी।”
कई प्रखंडों के शिक्षक शामिल
इस कार्रवाई की जद में जिले के कई प्रखंडों के शिक्षक आए हैं, जिनमें हाजीपुर, भगवानपुर, जनदाहा, देसरी, बेलसर, महुआ, गरौल, पातेपुर, लालगंज, महनार, राजापाकर, सहदेई बुजुर्ग, राघोपुर और बिदुपुर शामिल हैं।
स्थानीय स्तर पर मिली-जुली प्रतिक्रिया
शिक्षकों के खिलाफ की गई इस कार्रवाई को लेकर जिला स्तर पर मिली-जुली प्रतिक्रिया देखने को मिली है। कुछ शिक्षकों ने इसे कठोर कदम बताया है, जबकि स्थानीय प्रशासन और शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने इसे अनुशासन बहाली के लिए जरूरी बताया है।
चेतावनी भी जारी
शिक्षा विभाग ने स्पष्ट चेतावनी दी है कि अगर भविष्य में भी शिक्षक समयपालन और उपस्थिति दर्ज करने में लापरवाही बरतते हैं, तो उनके खिलाफ निलंबन जैसी कड़ी कार्रवाई की जाएगी। विभाग ने सभी शिक्षकों को निर्देश दिया है कि वे समय पर विद्यालय पहुंचे और निर्धारित प्रक्रियाओं का पालन करें।
बिहार में शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने के लिए विभाग अब सख्ती के मूड में है। समय पालन और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए इस तरह की कार्रवाई आने वाले समय में और तेज़ हो सकती है।
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