- सुबह की सैर में जिंदगी से हुई मुलाकात
बरेली : उत्तर प्रदेश के बरेली शहर में एक ऐसा दृश्य सामने आया जिसने पूरे देश को झकझोर दिया। बॉलीवुड एक्ट्रेस दिशा पाटनी की बहन और पूर्व भारतीय सेना की लेफ्टिनेंट खुशबू पाटनी ने एक सुनसान खंडहर से एक नवजात बच्ची को साहसिक ढंग से बचाकर सभी का दिल जीत लिया। खुशबू इन दिनों अपने पिता, सेवानिवृत्त पुलिस सर्कल ऑफिसर जगदीश पाटनी, के साथ बरेली में रह रही हैं। सुबह की सैर के दौरान उन्होंने एक जर्जर इमारत से बच्चे के रोने की आवाज सुनी, जिससे यह अभूतपूर्व घटना शुरू हुई।
दीवार फांदकर पहुंचीं बच्ची तक
सिटी-I सर्कल ऑफिसर पंकज श्रीवास्तव ने बताया कि “जिस जगह से आवाज आ रही थी, वहां कोई सीधा रास्ता नहीं था। ऐसे में खुशबू ने बिना देर किए दीवार फांदी और देखा कि एक नवजात बच्ची जमीन पर पड़ी थी। उसके चेहरे पर चोट के निशान थे।” इस मानवीय व साहसी कदम से पता चलता है कि खुशबू न सिर्फ एक सैनिक रह चुकी हैं, बल्कि आज भी वही मानवीय जज़्बा और तत्परता उनके भीतर ज़िंदा है।
बच्ची को तुरंत पहुंचाया अस्पताल
खुशबू ने बच्ची को तुरंत सुरक्षित बाहर निकालकर पुलिस को सूचना दी। फिर नवजात को बरेली के जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उसका इलाज चल रहा है। बरेली पुलिस और उत्तर प्रदेश पुलिस ने इस साहसिक व मानवीय कार्य की खुलकर सराहना की है।
सोशल मीडिया पर हुईं वायरल
खुशबू पाटनी ने इस घटना का वीडियो अपने सोशल मीडिया हैंडल पर साझा किया। उन्होंने लिखा है, “जाको राखे साइयां, मार सके न कोई। उम्मीद है कि प्रशासन बच्ची की देखभाल करेगा और उचित नियमों के अनुसार आगे की प्रक्रिया अपनाई जाएगी।” वीडियो में उन्होंने @bareillypolice, @uppolice, @myogi_adityanath, @ministrywcd, @narendramodi जैसे सरकारी और सामाजिक संस्थानों को टैग किया और #बेटीबचाओबेटीपढ़ाओ जैसे महत्वपूर्ण हैशटैग का उपयोग किया है।
मिली पहचान, सामने आई मां
बाद में खुशबू ने एक और वीडियो अपडेट किया जिसमें उन्होंने बताया कि नवजात का नाम इन्नायक रखा गया है। उसकी मां की पहचान हो गई है। मां ने बताया कि वह किसी के साथ सफर कर रही थी, उसी दौरान बच्ची को छोड़ दिया गया। हालांकि, बच्ची के पिता अब तक सामने नहीं आए।
बॉलीवुड ने भी की सराहना
इस साहसिक घटना पर कई बॉलीवुड हस्तियों ने प्रतिक्रिया दी है। भूमि पेडनेकर, सुय्यश राय और खुद दिशा पाटनी ने खुशबू की बहादुरी और संवेदनशीलता की जमकर तारीफ की है। यह घटना सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही है।
खुशबू बनीं मानवता की मिसाल
उल्लेखनीय है कि एक आम नागरिक होते हुए भी खुशबू पाटनी ने जो कदम उठाया, वह महिला सशक्तिकरण और समाज में जिम्मेदारी की भावना का उत्कृष्ट उदाहरण है। उनका यह साहसिक कार्य हमें यह सिखाता है कि मानवता अब भी जिंदा है, और अगर हम चाहें तो हम सभी एक सकारात्मक बदलाव ला सकते हैं।