पटना : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का दिल्ली दौरा अब सुर्खियों में है। 16 फरवरी को नीतीश कुमार दिल्ली जाने वाले हैं, और इस दौरे को लेकर सियासी गलियारों में हलचल मची हुई है। बिहार में इस साल विधानसभा चुनाव होने हैं और दिल्ली चुनाव में हालिया जीत के बाद अब सभी की नजर बिहार पर है। इस बीच, यह चर्चा तेज हो गई है कि बिहार में विधानसभा चुनाव समय से पहले भी हो सकते हैं, और ऐसे में नीतीश कुमार के अचानक दिल्ली दौरे को लेकर कयासों का दौर शुरू हो गया है।
दिल्ली में बीजेपी नेताओं से मुलाकात की है चर्चा
नीतीश कुमार के दिल्ली दौरे को लेकर कई तरह के सवाल उठ रहे हैं। एक संभावना यह भी है कि वह दिल्ली में बीजेपी नेताओं से मुलाकात कर सकते हैं। हालांकि, उनकी पार्टी के नेताओं की ओर से इस संबंध में कोई पुष्ट जानकारी साझा नहीं की गई है। मुख्यमंत्री सचिवालय से जो जानकारी सामने आई है, उसके अनुसार नीतीश कुमार 16 फरवरी की रात को दिल्ली में सुरक्षा गार्ड के बेटे की शादी में होंगे और फिर 17 फरवरी को पटना वापस लौट आएंगे।
दिल्ली दौरे के बीच बिहार की प्रगति यात्रा जारी रहेगी
नीतीश कुमार इन दिनों बिहार में अपनी प्रगति यात्रा पर हैं। हालांकि, 16 और 17 फरवरी को यह यात्रा नहीं होगी, क्योंकि मुख्यमंत्री दोनों दिनों दिल्ली में रहेंगे। इसके बाद, 18 फरवरी से उनकी प्रगति यात्रा फिर से शुरू हो जाएगी। इस यात्रा का उद्देश्य राज्य में विकास कार्यों की समीक्षा करना और जनता से संवाद करना है।
समय से पहले चुनाव की संभावना
बिहार में विधानसभा चुनाव अक्टूबर-नवंबर 2025 में होने हैं, लेकिन दिल्ली चुनाव में बीजेपी की हालिया जीत के बाद यह चर्चा होने लगी है कि बिहार में चुनाव समय से पहले भी हो सकते हैं। राजनीतिक गलियारों में यह कयास लगाए जा रहे हैं कि बिहार में चुनाव बरसात से पहले, यानी मई या जून में हो सकते हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पहले से ही चुनाव के लिए तैयार हैं। इसीलिए वह लगातार बड़े फैसले ले रहे हैं। चुनावी माहौल को देखते हुए राज्य में सत्ता की बागडोर फिर संभालने का मौका मिले, इस ओर उनका पूरा प्रयास है।
225 सीटों का लक्ष्य और एनडीए की रणनीति
बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर एनडीए (नेशनल डेमोक्रेटिक एलायंस) ने 2025 के विधानसभा चुनाव में 225 सीटें जीतने का लक्ष्य तय किया है। एनडीए के नेताओं का मानना है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में वह 2010 के विधानसभा चुनाव के परिणामों को दोहरा सकते हैं और फिर से राज्य में अपनी सरकार बना सकते हैं। एनडीए में बीजेपी और जेडीयू के अलावा हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा, लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) और राष्ट्रीय लोक मोर्चा भी शामिल हैं। इसके अलावा, कुछ छोटे दलों को भी एनडीए में शामिल करने की चर्चाएं चल रही हैं।
सियासी हलचल और भविष्य की रणनीति
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का दिल्ली दौरा, प्रगति यात्रा, और समय से पहले चुनाव की अटकलें यह संकेत देती हैं कि बिहार में आगामी विधानसभा चुनावों को लेकर सियासी सरगर्मियां तेज हो गई हैं। बीजेपी, जेडीयू और अन्य सहयोगी दल अपने-अपने तरीके से इस चुनावी दौड़ में जीत की रणनीति तैयार कर रहे हैं। समय-समय पर उनके बयान और फैसले इस बात का संकेत देते हैं कि चुनावी मुकाबला इस बार बहुत कड़ा होने वाला है।
नीतीश कुमार के दिल्ली दौरे और राज्य में चुनावी रणनीतियों को लेकर आगे और भी घटनाक्रम सामने आ सकते हैं, जिससे बिहार की सियासत में नए मोड़ आ सकते हैं।

