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Chaibasa court verdict : रंगदारी मांगने के मामले में चाईबासा कोर्ट ने चार दोषियों को सुनाई पांच साल का सश्रम कारावास की सजा

उनके अनुसार, 1 अक्टूबर की शाम करीब 7:10 बजे उनके मोबाइल पर एक अज्ञात नंबर से बार-बार कॉल आ रहे थे।

by Reeta Rai Sagar
Chaibasa court convicts four in extortion case, sentences them to 5 years rigorous imprisonment
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Chaibasa (Jharkhand) : मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत ने रंगदारी मांगने के एक गंभीर मामले में चार आरोपियों को दोषी ठहराते हुए पांच साल के सश्रम कारावास की कठोर सजा सुनाई है। यह मामला 2020 का है, जब पीड़िता पुष्पा सेकुन्दा केरकेट्टा से 15 लाख रुपये की रंगदारी मांगी गई थी और रकम न देने पर उनके पूरे परिवार को जान से मारने की धमकी दी गई थी।

कैसे शुरू हुआ मामला?

यह प्रकरण 8 अक्टूबर 2020 को तब सामने आया, जब वादी पुष्पा केरकेट्टा, जो प्रगति कॉलोनी, महुलसाई, मटकमहातु की निवासी हैं, ने चाईबासा मुफ्फसिल थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई। उनके अनुसार, 1 अक्टूबर की शाम करीब 7:10 बजे उनके मोबाइल पर एक अज्ञात नंबर से बार-बार कॉल आ रहे थे। कॉल करने वालों ने दो दिनों के भीतर 15 लाख रुपये देने की मांग की और इनकार करने पर पूरे परिवार को गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी दी।

पुलिस ने मामले की गंभीरता को समझते हुए तत्काल जांच शुरू की। वैज्ञानिक तकनीकों और इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्यों की मदद से पुलिस ने चार आरोपियों को गिरफ्तार किया। पर्याप्त सबूत मिलने के बाद, इन अभियुक्तों के खिलाफ अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया गया।

अदालत का फैसला और दोषियों के नाम

इस मामले में अदालत ने 30 जुलाई को चारों अभियुक्तों— अजय कुमार सिंह (निवासी बटौलिया, थाना माली, औरंगाबाद), लोकेश कुमार, पंकज कुमार (दोनों निवासी बड़ा नीमडीह, थाना सदर, चाईबासा) और मो. दिलनवाज (निवासी बड़ी बाजार, थाना सदर, चाईबासा) को दोषी करार दिया।

सजा के तहत, अदालत ने भारतीय दंड संहिता की धारा 387 (रंगदारी) के अंतर्गत प्रत्येक दोषी को पांच साल के सश्रम कारावास और 10 हजार रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई। फैसले के बाद, पीड़िता पुष्पा केरकेट्टा ने अदालत के प्रति आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि इस न्याय से उनका भरोसा न्याय व्यवस्था पर और मजबूत हुआ है, और ऐसे फैसले समाज में अपराधियों के विरुद्ध एक सख्त संदेश देते हैं।

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