सरायकेला : बच्चा चाेरी के शक में चार वर्ष पूर पीट पीटकर मार दिए गए तबरेज अंसारी हत्याकांड मामले पर 4 साल बाद मंगलवार काे फैसला आया है। सरायकेला एडीजे वन अमित शेखर की अदालत ने दो आरोपियों सत्यनारायण नायक और सुमंत प्रधान को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया है।
वहीं जमानत पर चल रहे नौ आरोपियों को हिरासत में लेने का निर्देश दिया है। सजा के बिंदु पर फैसला 5 जुलाई को सुनाई जाएगी। मामले के मुख्य आरोपी पप्पू मंडल फिलहाल न्यायिक कस्टडी में है। जबकि जमानत पर चल रहे भीम सिंह मंडल, कमल महतो, मदन नायक, अतुल महाली, सुमंत महतो, विक्रम मंडल, चामू नायक, प्रेमचंद महाली एवं प्रकाश मंडल को न्यायिक हिरासत में लेने का निर्देश दिया है।
जिसके बाद पुलिस ने सभी काे हिरासत में ले लिया। वहीं अदालत ने साक्ष्य के अभाव में सत्यनारायण नायक और सुमंत प्रधान को बरी कर दिया है। वहीं इस फैसले के तबरेज के परिजन खुश नजर आए। उनका कहना था कि उनके साथ काेर्ट ने न्याय किया है। विदित हाे कि यह घटना देश के साथ ही विदेश के मीडिया में भी सुर्खियां बना था। अब सबकी सबकी निगाहें पांच जुलाई को आनेवाले न्यायालय के फैसले पर टिकी है। तबरेज के परिजनाें काे उम्मीद है कि आराेपियाें काे फांसी की सजा हाेगी।
जानिए क्या था मामला:
विदित हाे कि 18 जून 2019 को धातकीडीह में एक घर में चोरी की नीयत से घुसे तबरेज की भीड़ ने पिटाई कर डाली थी। जिसे बाद में पुलिस के हवाले कर दिया गया था। जहां से उसे मेडिकल जांच के बाद न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था। जहां तबियत बिगड़ने पर 21 जून को तबरेज को सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इसी क्रम में 22 जून 2019 को इलाज के दौरान तबरेज की मौत हो गयी थी। बाद में इसको लेकर खूब हाय तौबा मचा था। इसे मॉब लॉन्चिंग का रूप देकर प्रचारित किया गया। पुलिस ने मामले में कुल 13 लोगों को गिरफ्तार किया था। मुख्य आरोपी पप्पु मंडल को छोड़ सभी 12 आरोपी जमानत पर थे, जबकिक आरोपी की मौत हो गयी है।
निर्णय काे ऊपरी काेर्ट में देंगे चुनाैती: बचाव पक्ष
वहीं फैसला अने के बाद बचाव पक्ष के वकील एससी हाजरा ने बताया कि पूरे मामले को गलत ढंग से पेश किया गया है। तबरेज की हत्या मॉब लिंचिंग नहीं थी इसे दुष्प्रचारित किया गया है। राजनीति और पुलिस ने मिलकर केस को गलत दिशा में ले जाने का प्रयास किया है। उन्होंने कहा कानून पर भरोसा है न्याय जरूर मिलेगा।
वे डॉक्टर के पोस्टमार्टम रिपोर्ट को आधार मानकर दावा कर रहे हैं कि मामले में न्याय होगा। उन्होंने कहा जब तबरेज को जेल भेजा गया था उस वक्त इंज्युरी में तबरेज के शरीर पर कोई गंभीर चोट के निशान नहीं पाए गए थे।