नई दिल्ली : दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने कुख्यात जितेंद्र गोगी गैंग के एक खूंखार अपराधी को धर दबोचने में बड़ी सफलता हासिल की है। पुलिस ने मोहित उर्फ पंछी नाम के इस शातिर बदमाश को गोवा से गिरफ्तार किया है। मोहित हरियाणा के सोनीपत जिले के पंछी जटान गांव का रहने वाला है और वह 2016 में अपने गैंग के सरगना जितेंद्र गोगी को पुलिस हिरासत से भगाने की दुस्साहसिक वारदात में शामिल था। मोहित पर मकोका (महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम) के तहत मामला दर्ज था और वह लंबे समय से फरार चल रहा था।
Delhi Police : खुफिया जानकारी पर क्राइम ब्रांच ने गोवा में घेरा
क्राइम ब्रांच की आरके पुरम यूनिट को गुप्त सूचना मिली थी कि मोहित गोवा में छिपा हुआ है और वहां किसी गंभीर अपराध की योजना बना रहा है। इंस्पेक्टर रामपाल के नेतृत्व में एक विशेष टीम ने इस सूचना पर तेजी से काम करते हुए खुफिया जानकारी जुटाई और इस बात की पुष्टि की कि मोहित लगातार अपने ठिकाने बदल रहा था और पुलिस से बचने के लिए अपने मोबाइल फोन का इस्तेमाल भी अपने छिपने के स्थान से दूर करता था।
Delhi Police : मार्टियर सर्कल के पास दबोचा गया
आखिरकार, 04 जुलाई 2025 को क्राइम ब्रांच की टीम ने उत्तरी गोवा के मार्टियर सर्कल के पास मोहित को घेर लिया और उसे गिरफ्तार कर लिया। पुलिस की इस त्वरित कार्रवाई के चलते मोहित को भागने का कोई मौका नहीं मिल पाया। पूछताछ के दौरान मोहित ने स्वीकार किया कि वह अलीपुर थाने में दर्ज एफआईआर नंबर 252/18, धारा 3 और 4 मकोका के तहत भगोड़ा घोषित था। वह फरवरी 2025 में अपनी बहन की शादी के लिए मिली अंतरिम जमानत के बाद कोर्ट में पेश नहीं हुआ था।
Delhi Police : पुलिस एस्कॉर्ट टीम पर हमला कर गोगी को छुड़ाया था
डीसीपी आदित्य गौतम ने इस गिरफ्तारी की पुष्टि करते हुए बताया कि मोहित ने 2016 में बहादुरगढ़ में पुलिस एस्कॉर्ट टीम पर हमला करके जितेंद्र गोगी को छुड़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। इस मामले में सदर थाना, बहादुरगढ़ में भी केस दर्ज है। मोहित कई अन्य आपराधिक मामलों में भी शामिल रहा है और उसे 2018 में मकोका के तहत गिरफ्तार किया गया था। जमानत मिलने के बाद वह मुंबई, गोवा और कर्नाटक सहित कई राज्यों में छिपता रहा। इंस्पेक्टर रामपाल, एसआई अमित, हेमंत, परमोद, मुकेश, एएसआई सिद्धार्थ, रामदास, अंकित, ओमबीर, नरेंद्र, संजय, अमित, एचसी धर्मेंद्र, यशपाल, अंकित और कांस्टेबल तेजपाल, गौरव की टीम ने एसीपी उमेश बार्थवाल की निगरानी में इस महत्वपूर्ण सफलता को हासिल किया। यह कार्रवाई संगठित अपराध के खिलाफ दिल्ली पुलिस की दृढ़ प्रतिबद्धता को दर्शाती है।
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