जमुई: सोशल मीडिया का प्रभाव आजकल के युवाओं पर बहुत गहरा पड़ा है और यह कई बार अविश्वसनीय घटनाओं का कारण बनता है। सोशल मीडिया, खासकर फेसबुक के जरिए कई तरह के रिश्ते और प्रेम संबंध बनते हैं और कभी-कभी तो यह रिश्ते अनपेक्षित मोड़ ले लेते हैं। बिहार के जमुई जिले के एक दिलचस्प और अप्रत्याशित घटनाक्रम ने सभी को चौंका दिया। यह कहानी एक प्रेमी-प्रेमिका की है, जिन्होंने सोशल मीडिया पर प्यार किया और फिर एक थाने में जाकर शादी कर ली।
कैसे शुरू हुआ प्यार?
यह कहानी बरहट थाना क्षेत्र के मटिया गांव की सुहाना कुमारी और भूदानपुरी गांव के आलोक कुमार की है। दो साल पहले सुहाना की बहन की शादी भूदानपुरी गांव में हुई थी और उसी दौरान उसकी मुलाकात आलोक से हुई थी। यह मुलाकात शादी के दौरान हुई थी, लेकिन दोनों का प्यार फेसबुक पर हुआ। सुहाना ने आलोक को फेसबुक पर फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजी, जिसके बाद उनकी बातचीत शुरू हुई और धीरे-धीरे दोनों के बीच प्रेम पनपने लगा।
छुप-छुप कर मिलते रहे दोनों, और जल्द ही उनका प्रेम एक मजबूत रिश्ते में बदल गया। दोनों ने एक-दूसरे के बिना जीने का इरादा किया और अपने रिश्ते को सार्वजनिक करने का निर्णय लिया। लेकिन जैसे ही आलोक की शादी किसी और से तय हो गई, सुहाना के पैरों तले जमीन खिसक गई।
प्रेमिका का फैसला: पुलिस से मदद ली
जैसे ही सुहाना को यह पता चला कि आलोक की शादी किसी और से होने जा रही है, उसने किसी भी स्थिति में आलोक को खोने का खतरा महसूस किया। इस स्थिति में उसने पूरी स्थिति से निपटने के लिए पुलिस का सहारा लिया और बरहट थाना पहुंच गई। उसने पुलिस से शिकायत की कि उसके प्रेमी की शादी किसी और से तय हो रही है और वह इस शादी को रोकने के लिए किसी भी हाल में तैयार है।
बरहट पुलिस ने तुरंत कार्रवाई की और आलोक को उसके गांव से उठाकर थाने ले आई। इस तरह की स्थितियों में आम तौर पर पुलिस कोई दखल नहीं देती, लेकिन इस मामले में सुहाना के प्रेम का जुनून इतना अधिक था कि पुलिस को भी कदम उठाना पड़ा।
थाने में मंदिर में हुई शादी
थाने में जब आलोक और सुहाना के बीच काफी समय तक तनावपूर्ण बातचीत हुई, तो दोनों ने एक अनोखा फैसला लिया। इस बार उनका प्यार किसी और तरीके से नहीं, बल्कि थाने में बने एक मंदिर में हुआ। दोनों ने एक-दूसरे से विवाह करने का निर्णय लिया और बजरंगबली को साक्षी मानकर सिंदूरदान किया। यह घटना एक ऐतिहासिक घटना बन गई, क्योंकि यह एक प्रकार की अनूठी शादी थी जो पुलिस थाने में हुई थी।
इसके बाद दोनों पक्षों के परिवार वालों ने भी इस फैसले को स्वीकार कर लिया और थाने में ही समधी मिलन भी हुआ। दोनों परिवारों के बीच समझौता हुआ, और दोनों परिवारों ने इस शादी को अपनी स्वीकृति दे दी। इस घटनाक्रम के बाद यह कहावत सच साबित हो गई कि “मियां बीवी राजी तो क्या करेगा काजी।”
बरहट थाना प्रभारी की प्रतिक्रिया
बरहट थाना प्रभारी कुमार संजीव ने इस घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि, “दोनों परिवारों की रजामंदी से थाने के मंदिर में ही लड़के और लड़की ने शादी रचाई है। अब किसी भी पक्ष से कोई शिकायत नहीं आई है। अगर भविष्य में कोई शिकायत आती है, तो उसके अनुसार कार्रवाई की जाएगी।
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