हजारीबाग : झारखंड के हजारीबाग स्थित ओपन जेल सह पुनर्वास केंद्र का आज बुधवार को उपायुक्त शशि प्रकाश सिंह ने औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान उपायुक्त ने जेल परिसर में मौजूद सुविधाओं की समीक्षा की और कैदियों के पुनर्वास, स्वास्थ्य, शिक्षा और मानसिक स्थिति को लेकर अधिकारियों को कई महत्त्वपूर्ण निर्देश दिए।
कैदियों की शिक्षा और पुनर्वास पर फोकस
उपायुक्त ने जेल में बंद सजायाफ्ता कैदियों के बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए शिक्षा विभाग को अतिरिक्त शिक्षक की नियुक्ति करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि बच्चों के लिए ट्यूशन की समुचित व्यवस्था की जाए ताकि उनका भविष्य उज्ज्वल हो।
इसके साथ ही, एनआईएलपी (New India Literacy Programme) के तहत प्रौढ़ शिक्षा की व्यवस्था कर जेल में बंद वयस्क कैदियों को भी पढ़ाई का अवसर देने की बात कही।
निरीक्षण के दौरान उपायुक्त ने जेल में नियुक्त चिकित्सक से दवाओं की उपलब्धता और मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी सेवाओं की जानकारी ली। उन्होंने स्पष्ट कहा कि कैदियों को सिर्फ दवा देना ही पर्याप्त नहीं है, बल्कि मानसिक रूप से परेशान या अवसादग्रस्त कैदियों की काउंसलिंग भी की जानी चाहिए।
रोजगारपरक प्रशिक्षण की प्रक्रिया होगी तेज
उपायुक्त ने कहा कि लंबे समय से सजा काट रहे कैदियों को कौशल विकास और रोजगारपरक प्रशिक्षण के माध्यम से पुनर्वास की दिशा में अग्रसर किया जाए। उन्होंने संबंधित विभाग को निर्देश दिया कि जल्द ही जेल परिसर में इस प्रक्रिया की शुरुआत की जाए।
कृषि के लिए डीप बोरिंग की मंजूरी
कैदियों ने जेल परिसर में खेती के लिए पानी की कमी की बात रखी, जिस पर उपायुक्त ने तुरंत डीप बोरिंग कराने का आदेश दिया। इससे कैदी आत्मनिर्भर बन सकेंगे और जेल परिसर में स्वावलंबन की भावना विकसित होगी।
जेल में सकारात्मक माहौल बनाने की अपील
उपायुक्त ने कैदियों से बातचीत करते हुए कहा कि सभी एक-दूसरे के साथ सौहार्दपूर्ण व्यवहार रखें। किसी को कोई भी परेशानी हो तो उसकी जानकारी प्रबंधन को दें ताकि समय पर समाधान हो सके। उन्होंने भरोसा दिलाया कि सरकार तक उनकी जायज मांगों को पहुँचाया जाएगा।
Read Also: Jamshedpur News : डीसी ने खंगाली DMFT की योजनाओं की प्रगति, वित्तीय उपयोगिता का ध्यान रखने की हिदायत

 
														
