Home » सुप्रीम कोर्ट में वक्फ (संशोधन) अधिनियम 2025 की वैधता पर सुनवाई शुरू, कहा- “आप अतीत को नहीं बदल सकते”

सुप्रीम कोर्ट में वक्फ (संशोधन) अधिनियम 2025 की वैधता पर सुनवाई शुरू, कहा- “आप अतीत को नहीं बदल सकते”

वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025 को लेकर सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई शुरू हुई। इस कानून के खिलाफ 100 से ज्यादा याचिकाएं लगाई गई है। इनमें से 10 याचिकाओं को SC ने सुनवाई के लिए चुना है।

by Reeta Rai Sagar
Supreme-court-
WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now
Instagram Follow Now

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025 की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई शुरू की। सुनवाई के दौरान सर्वोच्च न्यायालय ने केंद्र सरकार से सख्त टिप्पणी करते हुए कहा, “आप अतीत को नहीं बदल सकते।” प्रधान न्यायाधीश संजीव खन्ना, न्यायमूर्ति केवी विश्वनाथन और न्यायमूर्ति पीवी संजय कुमार की पीठ ने केंद्र से कई अहम सवाल पूछे।

वक्फ (संशोधन) अधिनियम 2025 पर सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई के टॉप 10 प्रमुख बिंदु

  1. वक्फ-बाय-यूज़र की पंजीकरण प्रक्रिया पर सवाल
    सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से पूछा कि ‘वक्फ-बाय-यूज़र’ संपत्तियों को कैसे पंजीकृत किया जाएगा, जब उनके पास जरूरी दस्तावेज नहीं होंगे। न्यायालय ने स्पष्ट किया कि यदि ऐसे वक्फ को डिनोटिफाई किया गया, तो यह गंभीर समस्या उत्पन्न कर सकता है।
  2. वक्फ संपत्तियों की डिनोटिफिकेशन प्रक्रिया पर आपत्ति
    न्यायालय ने यह भी कहा कि जो संपत्तियाँ वक्फ घोषित की गई हैं, चाहे वह अदालत द्वारा घोषित हों या उपयोगकर्ता द्वारा, उन्हें डिनोटिफाई नहीं किया जा सकता।
  3. “आप अतीत को फिर से नहीं लिख सकते”- मुख्य न्यायाधीश
    मुख्य न्यायाधीश ने केंद्र सरकार को स्पष्ट शब्दों में कहा, “यदि कोई सार्वजनिक ट्रस्ट 100 या 200 वर्ष पहले वक्फ घोषित किया गया था, तो अब आप इसे वक्फ बोर्ड द्वारा अधिग्रहित करके कुछ और नहीं बना सकते।” यह टिप्पणी सरकार द्वारा वक्फ की वर्तमान व्यवस्था में बदलाव के प्रयासों पर की गई।
  4. वास्तविक और फर्जी मामलों में संतुलन की आवश्यकता
    न्यायमूर्ति खन्ना ने कहा कि “कुछ मामलों में दुरुपयोग हो सकता है, लेकिन कुछ वास्तविक वक्फ भी हैं। यदि सभी को निरस्त कर दिया गया, तो यह समस्या उत्पन्न करेगा।”
  5. वक्फ अधिनियम पर बढ़ती हिंसा पर चिंता
    सुप्रीम कोर्ट ने वक्फ (संशोधन) अधिनियम को लेकर हो रही हिंसा पर गहरी चिंता जताई। मुख्य न्यायाधीश ने कहा, “हिंसा अत्यंत चिंताजनक है। मामला न्यायालय के समक्ष है और हम निर्णय लेंगे।”
  6. गुरुवार को भी जारी रहेगी सुनवाई
    कोर्ट ने कहा कि वक्फ अधिनियम की वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई गुरुवार को भी जारी रहेगी।
  7. संसद में पारित हुआ वक्फ (संशोधन) अधिनियम, राष्ट्रपति की मंजूरी
    केंद्र सरकार ने हाल ही में वक्फ (संशोधन) अधिनियम 2025 को अधिसूचित किया। यह अधिनियम 5 अप्रैल को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की मंजूरी के बाद प्रभावी हुआ। संसद में इस विधेयक को लेकर तीखी बहस हुई थी।
  8. राज्यसभा और लोकसभा में विधेयक को लेकर विभाजन
    राज्यसभा में यह विधेयक 128 वोटों से पारित हुआ जबकि 95 सदस्यों ने विरोध किया। लोकसभा में 288 सदस्य समर्थन में थे जबकि 232 ने विरोध किया।
  9. कुल 72 याचिकाएं हुई दाखिल
    इस अधिनियम को चुनौती देने वाली 72 याचिकाएं दायर की गई हैं, जिनमें AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी, ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB), जमीयत उलेमा-ए-हिंद, DMK और कांग्रेस सांसद इमरान प्रतापगढ़ी तथा मो. जावेद शामिल हैं।
  10. केंद्र ने दायर की कैविएट
    8 अप्रैल को केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कैविएट दाखिल की, जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि किसी भी आदेश से पूर्व उसे सुना जाए। वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025 को लेकर सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई अब निर्णायक मोड़ पर है। इस महत्वपूर्ण मामले पर देश की शीर्ष अदालत की अगली टिप्पणी का इंतजार रहेगा, जो गुरुवार को जारी रहेगी।

Related Articles