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Jharkhand Bureaucracy Exclusive News : कलेक्टर नहीं बेटी बनकर चलाया जिला, झारखंड की महिला IAS को मिली बड़ी जिम्मेदारी

Jharkhand Bureaucracy Exclusive News : नैंसी सहाय को हजारीबाग में बेहतर काम का मिला इनाम

by Dr. Brajesh Mishra
IAS Nancy Sahay
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  • कुशल प्रबंधन से किया करिश्मा, कलक्टर नहीं, बेटी बनकर चलाया जिला
  • वरिष्ठ पत्रकार ने कहा, अच्छा लगता है, जिसे गोद मे खेलाया, वह डीसी बन गई

Jharkhand Bureaucracy Exclusive News : रांची : झारखंड सरकार की ओर से हाल में किए गए बड़े प्रशासनिक फेरबदल में 2014 बैच की आईएएस नैंसी सहाय को निदेशक नगरीय प्रशासन, नगर विकास एवं आवास विभाग का दायित्व दिया गया है। प्रशासनिक गलियारे में इस की बात चर्चा बड़े जोर-शोर से है कि आखिर अनुभवी अधिकारियों की लंबी-चौड़ी लिस्ट के बीच युवा अधिकारी का चुनाव क्यों किया गया? राज्य की कार्यपालिका की कार्यप्रणाली को नजदीक से समझने वाले वरिष्ठ पत्रकार बैजनाथ मिश्र की मानें तो सरकार ने नैंसी सहाय को हजारीबाग में बतौर उपायुक्त किए गए बेहतर कार्यों का इनाम दिया है।

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नैंसी सहाय के नेतृत्व में हजारीबाग में रामनवमी का जुलूस साल-दर-साल सकुशल संपन्न हुआ। बतौर उपायुक्त समाज के सभी वर्गों को साथ लेकर बिना किसी टकराव के उन्होंने विधि-व्यवस्था बनाए रखी। कई बार कुछ शरारती तत्वों ने माहौल बिगाड़ने की साजिश की, लेकिन समय रहते इस पर प्रभावी नियंत्रण कर लिया। लोकसभा और विधानसभा चुनाव के समय भी सत्ता पक्ष अथवा विपक्ष ने कहीं से प्रशासनिक क्रिया-कलाप पर कोई सवाल नहीं उठाया। इन सबके साथ ही स्कूली शिक्षा में जिला लगातार बेहतर होता गया। यही कारण रहा कि सरकार ने बिना किसी व्यवधान के उपायुक्त के तौर पर एक जिले में उन्हें पर्याप्त अवसर दिया। नैंसी सहाय हजारीबाग से पहले दो बार अलग-अलग अवधि के लिए देवघर की उपायुक्त बनी थीं। हालांकि, वहां उनका कार्यकाल अपेक्षाकृत छोटा रहा था, लेकिन यह कमी हजारीबाग में पूरी हो गई। ऐसा इसलिए संभव हो सका कि नैंसी ने कलक्टर बनकर नहीं, बेटी बनकर जिला चलाया। सरकार को यह कार्यप्रणाली पसंद आई।

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Urban Development And Housing Department Jharkhand Government : कठिन परिश्रम से हासिल की सफलता

वरिष्ठ पत्रकार बैजनाथ मिश्र बताते हैं कि वह नैंसी सहाय के परिवार को बेहद करीब से जानते हैं। यह परिवार उनका पड़ोसी रहा है। बचपन में नैंसी सहाय उनकी गोद में खेली हैं। अच्छा लगता है, जिस बेटी को गोद में उठाया, वह डीसी बनकर अपने कुशल प्रबंधन से अपना नाम रोशन करे। उन्होंने बताया कि साधारण पृष्ठभूमि से निकलकर नैंसी ने असाधारण उपलब्धियां प्राप्त की। कठिन परिश्रम की बदौलत यूपीएससी की परीक्षा में सफलता हासिल की। नैंसी सहाय की प्रारंभिक शिक्षा रांची के लोरेटो कॉन्वेंट स्कूल से हुई है। उसके बाद उन्होंने बीआईटी मेसरा से इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग में स्नातक की डिग्री प्राप्त की है। तकनीकी पृष्ठभूमि से होने के बावजूद उन्होंने प्रशासनिक सेवा को अपना लक्ष्य बनाया और अपने दृढ़ निश्चय के साथ सफलता भी प्राप्त की। नैंसी के माता-पिता शिक्षा और पत्रकारिता के क्षेत्र से जुड़े रहे हैं। पति वरूण रंजन राज्य के तेज-तर्रार आईएएस हैं। वह साहिबगंज, पाकुड़, धनबाद, रांची जैसे जिलों के उपायुक्त रह चुके हैं। हालिया पदस्थापना में उन्हें भी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी मिली है।

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IAS Nancy Sahay : नैंसी को मिलेगा कार्य करने का बेहतर अवसर

विशेषज्ञों की मानें तो नैंसी के पास बतौर डायरेक्टर नगर विकास विभाग में बेहतर कार्य करने का मौका होगा। उनकी मौजूदा कार्यप्रणाली उन्हें भविष्य में और नई जिम्मेदारियों के लिए तैयार करेगी।

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