Ranchi News: झारखंड में प्रशासनिक व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है। सरकारी दफ्तरों में आम जनता से जुड़े कामकाज ठप हैं और अधिकारी केवल सोशल मीडिया पर खानापूर्ति कर रहे हैं। यह आरोप भाजपा नेता और नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने लगाया है।
मरांडी ने मंगलवार को सोशल मीडिया के माध्यम से कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अनुपस्थिति में झारखंड में पूरी प्रशासनिक मशीनरी पंगु हो गई है। सरकारी दफ्तरों में कोई काम नहीं हो रहा और जनता की समस्याओं का समाधान सिर्फ ट्वीट और पोस्ट पर छोड़ दिया गया है।
उन्होंने खूंटी जिले के सिमडेगा-कोलेबिरा मार्ग पर पोलोल पुल के टूटने का उदाहरण देते हुए कहा कि भारी बारिश में यह पुल पूरी तरह ध्वस्त हो गया है और आवागमन पूरी तरह बाधित है। बावजूद इसके, दो हफ्ते से अधिक समय बीतने के बाद भी जिला प्रशासन न तो वैकल्पिक रास्ता बना पाया है और न ही डायवर्जन की कोई व्यवस्था कर सका है।
मरांडी ने इस स्थिति को बेहद गंभीर बताते हुए कहा कि स्कूली बच्चे जान जोखिम में डालकर करीब 25 फुट ऊंचे टूटे पुल की चढ़ाई कर स्कूल जाने को मजबूर हैं। उन्होंने सरकार से सवाल किया कि अगर आम जनता की समस्याओं के समाधान के लिए भी अधिकारियों को मुख्यमंत्री के ट्विटर संदेश का इंतजार करना है, तो फिर कार्यालयों को बंद कर देना चाहिए।
बाबूलाल ने मुख्यमंत्री से अपील की है कि यदि सोशल मीडिया से ही निर्देश जारी कर व्यवस्था करानी है तो खूंटी के उपायुक्त को तुरंत वैकल्पिक आवागमन सुनिश्चित कराने का निर्देश दें, ताकि स्कूली बच्चों की पढ़ाई बाधित न हो और आम लोगों को आवाजाही में राहत मिले।
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