Ranchi (Jharkhand) : झारखंड अधिविद्य परिषद (JAC) की ओर से इस बार मैट्रिक और इंटरमीडिएट के परीक्षा शुल्क (Examination Fee) में वृद्धि की गई है। इसे लेकर भाजपा (BJP) ने राज्य की हेमंत सरकार पर सीधा निशाना साधा है। पार्टी के प्रवक्ता रमाकांत ने इस पर एतराज जताया है। साथ ही उन्होंने ने राज्य सरकार से परीक्षा फीस वृद्धि को वापस लेने की मांग की है।
फीस वृद्धि को बताया अनुचित
रमाकांत महतो ने परीक्षा शुल्क वृद्धि को लेकर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर गरीब विरोधी होने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा है कि हेमंत सोरेन की सरकार शुरू से ही गरीब विरोधी रही है और अब परीक्षा शुल्क बढ़ाकर गरीब विद्यार्थियों एवं अभिभावकों पर आर्थिक बोझ डाल रही है। उन्होंने कहा कि जैक ने मैट्रिक का परीक्षा शुल्क 940 रुपये से बढ़ाकर 1180 रुपये और इंटरमीडिएट का 1220 रुपये से बढ़ाकर 1400 रुपये कर दिया है। इसके अलावा विलंब शुल्क 300 रुपये से बढ़ाकर 500 रुपये कर दिया गया है, जो झारखंड जैसे आर्थिक रूप से पिछड़े राज्य में उचित नहीं है।
विकास का ढिंढोरा पीटने का आरोप
भाजपा प्रवक्ता ने आरोप लगाया है कि एक ओर राज्य सरकार झारखंड गठन की रजत जयंती पर करोड़ों रुपये विज्ञापन में खर्च कर ‘विकास’ का ढिंढोरा पीट रही है, वहीं दूसरी ओर सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले गरीब विद्यार्थियों से बढ़ी हुई फीस वसूलकर उनका शोषण कर रही है।
आंदोलन की चेतालनी
प्रदेश में सरकारी स्कूलों की स्थिति बद से बदतर है। बुनियादी सुविधाओं का अभाव है। गुणवत्तापूर्ण शिक्षा दूर होती जा रही है। सुधार करने के बजाय सरकार फीस वृद्धि कर रही है, जो दुर्भाग्यपूर्ण है। महतो ने कहा कि राज्य सरकार गरीब विद्यार्थियों के हित में तुरंत फीस वृद्धि के निर्णय पर पुनर्विचार करे, अन्यथा भाजपा आंदोलन करने को बाध्य होगी।
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