चाईबासा : झारखंड के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) अनुराग गुप्ता रविवार को चाईबासा पहुंचे। यहां उन्होंने राज्य में नक्सलियों के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान की समीक्षा की। नई सरकार के गठन के बाद डीजीपी ने राज्य में नक्सलवाद के खात्मे के लिए अपनी प्राथमिकताओं को स्पष्ट किया और केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा दिए गए टास्क पर चर्चा की।
केंद्रीय गृह मंत्रालय का नक्सलियों के सफाए का टास्क
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने झारखंड पुलिस को राज्य में सक्रिय 66 नक्सलियों को पकड़ने या उनका सफाया करने का टास्क दिया है। मंत्रालय ने झारखंड पुलिस को निर्देश दिया है कि नक्सलियों के खिलाफ एक ठोस रणनीति बनाकर काम करें, खासकर कोल्हान क्षेत्र में बढ़ती नक्सली गतिविधियों को लेकर मंत्रालय काफी चिंतित है। इसके तहत नक्सलियों को लॉजिस्टिक सपोर्ट देने वाले लोगों की पहचान कर उन पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
विशेष अनुसंधान इकाई की स्थापना का निर्देश
नक्सलियों से जुड़े मामलों में गहरी छानबीन के लिए एक विशेष अनुसंधान इकाई स्थापित करने का सुझाव दिया गया है, जिससे इन मामलों में बेहतर अनुसंधान सुनिश्चित किया जा सके। इसके साथ ही, नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में रहने वाले नागरिकों को जागरूक करने के लिए कार्यक्रम चलाए जाने पर जोर दिया गया है, ताकि स्थानीय लोग नक्सलियों से दूरी बना सकें।
66 फरार उग्रवादी, इनाम की घोषणा
वर्तमान में 66 नक्सली फरार हैं, जिनकी गिरफ्तारी के लिए सरकार ने इनाम की घोषणा भी की है। इन उग्रवादियों के खिलाफ पुलिस ने अभियान तेज कर दिया है। डीजीपी अनुराग गुप्ता ने चाईबासा एसपी, डीआईजी और अन्य पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक कर नक्सलियों के खिलाफ चलाए जा रहे ऑपरेशन और सरेंडर पॉलिसी पर विशेष चर्चा की।
डीजीपी की सक्रियता और पुलिसिंग व्यवस्था पर ध्यान
डीजीपी अनुराग गुप्ता ने 6 दिसंबर को नक्सलवाद और कानून-व्यवस्था की समीक्षा की थी, जिसके बाद उन्होंने नक्सलियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए अभियान तेज किया है। अब वे खुद भी राज्य में पुलिसिंग व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए सक्रिय हो गए हैं।