Ranchi (Jharkhand) : झारखंड उच्च न्यायालय ने राज्य में महिलाओं और स्कूली बच्चों सहित नाबालिग लड़कियों के खिलाफ बढ़ते अपराधों पर अंकुश लगाने के लिए दायर एक जनहित याचिका पर महत्वपूर्ण सुनवाई की। इस मामले में झारखंड उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस तरलोक सिंह की खंडपीठ ने बुधवार को सुनवाई करते हुए सभी पुलिस अधीक्षकों (SP) और उपायुक्तों (DC) को नए सिरे से शपथ पत्र दाखिल करने का निर्देश दिया है।
जिला जजों को जुवेनाइल होम निरीक्षण का आदेश
अदालत ने इस मामले में न सिर्फ पुलिस और प्रशासन से जवाब मांगा है, बल्कि सभी जिलों के जिला न्यायाधीशों (जिला जजों) को भी महत्वपूर्ण निर्देश दिए हैं। उन्हें अपने-अपने क्षेत्र के किशोर गृहों (जुवेनाइल होम) का निरीक्षण कर अदालत के समक्ष अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा गया है। यह दर्शाता है कि न्यायालय महिलाओं और बच्चों, विशेषकर नाबालिगों की सुरक्षा और कल्याण को लेकर कितनी गंभीर है।
हाईकोर्ट का बड़ा व निर्णायक कदम
यह जनहित याचिका रांची उच्च न्यायालय की अधिवक्ता भारती कौशल द्वारा दायर की गई थी, जबकि राज्य सरकार की ओर से अधिवक्ता गौरव कुमार ने इस मामले में अपना पक्ष रखा। उच्च न्यायालय का यह कदम राज्य में महिला और बाल सुरक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में एक बड़ा और निर्णायक कदम माना जा रहा है। देखना होगा कि इस पर प्रशासन कितनी गंभीरता से अमल करता है।
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