अररिया : बिहार के अररिया जिले में 12 मार्च को हुई दारोगा राजीव रंजन मल्ल की हत्या के मुख्य आरोपी अनमोल यादव को आखिरकार पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने उसे भारत-नेपाल सीमा के पास से धर दबोचा, जहां वह भागने की कोशिश कर रहा था। इस हत्याकांड के बाद बिहार में राजनीति भी गर्मा गई थी, और विपक्ष ने राज्य सरकार पर दबाव बढ़ाया था।
तस्करी से जुड़े लोगों ने किया था हमला
विगत 12 मार्च को बिहार के अररिया जिले के नरपतगंज के फुलकाहा थाना क्षेत्र में स्थित लक्ष्मीपुर चौक पर पुलिस टीम ने गांजा तस्करों के खिलाफ छापेमारी करने का फैसला किया था। पुलिस ने तस्करों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए उन्हें गिरफ्तार करने के लिए योजना बनाई थी। लेकिन जैसे ही पुलिस टीम छापेमारी करने पहुंची, तस्करों के समर्थकों ने हमला कर दिया। इस हमले के दौरान दारोगा राजीव रंजन मल्ल गंभीर रूप से घायल हो गए थे और बाद में उनकी मौत हो गई थी।
तलब किए गए थे डीजीपी और मुख्य सचिव
इस हमले ने न केवल पुलिस बल को झकझोर दिया, बल्कि राज्य में सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल भी उठाए। विपक्ष ने इस मामले को लेकर राज्य सरकार को घेरने की कोशिश की, और इसके बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस मामले की गंभीरता को समझते हुए डीजीपी और मुख्य सचिव को तलब किया था। इसके बाद कार्रवाई करते हुए पूर्णिया रेंज के डीआईजी ने इस मामले की जांच शुरू की और तीन पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया था।
नेपाल भागने की फिराक में था अनमोल यादव
हत्याकांड के बाद पुलिस ने मुख्य आरोपी अनमोल यादव की तलाश तेज कर दी थी। पुलिस को यह सूचना मिली थी कि अनमोल यादव नेपाल भागने की योजना बना रहा है। इसके बाद पुलिस ने भारत-नेपाल सीमा के इलाकों में छापेमारी की। पुलिस की सख्ती के चलते आरोपी को भागने का मौका नहीं मिला और उसे गिरफ्तार कर लिया गया। इस गिरफ्तारी से पुलिस प्रशासन को बड़ी सफलता मिली है, क्योंकि आरोपी लंबे समय से फरार था और पुलिस उसकी खोज में लगी हुई थी।
पुलिस कार्रवाई और सियासी दबाव
राजीव रंजन मल्ल की हत्या के बाद बिहार में कानून-व्यवस्था को लेकर सियासी घमासान शुरू हो गया था। विपक्ष ने इस घटना को लेकर सरकार पर हमला बोला था और मामले में त्वरित कार्रवाई की मांग की थी। इस दबाव के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पुलिस अधिकारियों से इस मामले की गंभीरता को समझते हुए उचित कार्रवाई करने की बात कही थी। इसके बाद पुलिस ने आरोपी की तलाश में कई जगहों पर छापेमारी की, लेकिन आरोपी हर बार पुलिस की पकड़ से बचने में सफल हो रहा था।
गुप्त सूचना के आधार पर हुई गिरफ्तारी
मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने अतिरिक्त अधिकारियों को मामले की जांच सौंप दी थी और आरोपियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की योजना बनाई थी। अंततः पुलिस को गुप्त सूचना मिली कि अनमोल यादव नेपाल भागने की कोशिश कर रहा है, जिससे पुलिस को आरोपी के पकड़ने में सफलता मिली।