रांची : झारखंड के राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार ने शुक्रवार को राजभवन में आयोजित ‘राष्ट्रीय एकात्मता यात्रा-2025’ कार्यक्रम के प्रतिभागियों से संवाद किया। यह यात्रा इंटर-राज्य छात्र जीवन दर्शन (SIL) कार्यक्रम के तहत आयोजित की जा रही है, जो छात्रों को विभिन्न राज्यों की सांस्कृतिक और सामाजिक संरचनाओं को जानने का अनूठा अवसर प्रदान करती है। राज्यपाल ने इस संवाद में भारत की विविधता को समर्पित करते हुए कहा कि हमारा देश “विविधता में एकता” का उत्कृष्ट उदाहरण प्रस्तुत करता है। उन्होंने बताया कि इस यात्रा के माध्यम से युवा देश के विभिन्न हिस्सों की संस्कृति, परंपराओं और समाज को समझने का अवसर प्राप्त करेंगे।
एसआईएल: राष्ट्रीय एकता के साथ युवाओं को जोड़ने की पहल
संतोष कुमार गंगवार ने यह भी कहा कि एसआईएल (Student Experience in Inter State Living) का उद्देश्य राष्ट्रीय एकता को सुदृढ़ करना है, और यह संगठन सीमावर्ती क्षेत्रों के छात्रों को भारत के अन्य हिस्सों के लोगों से जोड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के “एक भारत, श्रेष्ठ भारत” के दृष्टिकोण का भी उल्लेख करते हुए यह कहा कि भारत की समृद्धि केवल आर्थिक विकास से नहीं, बल्कि सांस्कृतिक समरसता से भी तय होती है।
झारखंड की समृद्ध जनजातीय संस्कृति का अद्भुत परिचय
राज्यपाल ने झारखंड की समृद्ध जनजातीय संस्कृति की भी चर्चा की और बताया कि एसआईएल के माध्यम से देशभर के युवा झारखंड की सांस्कृतिक धरोहर को जानने का अवसर प्राप्त करेंगे। उन्होंने इस राज्य को अपनी संस्कृति और परंपराओं में समृद्ध बताया और अपने छह महीने के अनुभव को सकारात्मक रूप में साझा किया।
यात्रा के प्रतिभागियों ने साझा किए अनुभव
इस अवसर पर रुस्तम (अरुणाचल प्रदेश) और अनुमति राधा (असम) ने ‘राष्ट्रीय एकात्मता यात्रा-2025’ के दौरान अपने अनुभवों को साझा किया और इसे एक अविस्मरणीय और शिक्षाप्रद यात्रा बताया। राज्यपाल ने सभी प्रतिभागियों को शुभकामनाएं दी और उनके उज्जवल भविष्य की कामना की।