RANCHI: आयुष्मान भारत योजना के तहत इलाज करा रहे मरीजों के लिए इन दिनों सदर हॉस्पिटल में दवा लेना किसी बड़ी चुनौती से कम नहीं है। अब डिप्टी सुपरिंटेंडेंट (डीएस) के आदेश के बिना कोई भी दवा मरीजों को नहीं दी जा रही है। इस नियम ने मरीजों की परेशानी बढ़ा दी है। वहीं रात के समय जब डीएस उपलब्ध नहीं रहते तब मरीजों की परेशानी और बढ़ जा रही है। इतना ही नहीं दवा के लिए घंटों इंतजार करना पड़ रहा है।
अमृत फार्मेसी से देनी है दवाएं
जानकारी के अनुसार सदर हॉस्पिटल कैंपस में संचालित अमृत फार्मेसी से आयुष्मान मरीजों के लिए दवाएं उपलब्ध कराई जानी हैं। राज्य सरकार और स्वास्थ्य विभाग के निर्देश के मुताबिक सभी जरूरी दवाएं मरीजों को निःशुल्क और समय पर मिलनी चाहिए। लेकिन हाल ही में डीएस के आदेश से बिना उनकी स्वीकृति के दवा वितरण पर रोक लगा दी गई है। इससे इनडोर में इलाज करा रहे मरीज परेशान हैं। डीएस से अनुमति मिलने के बाद दवाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं।
रात में मरीजों को देर से मिल रही दवा
इस आदेश के कारण स्थिति यह है कि रात के समय जब इमरजेंसी या भर्ती मरीजों को तुरंत दवा की जरूरत होती है तो उन्हें इंतजार करना पड़ता है। कई मामलों में मरीजों के परिजन मजबूर होकर प्राइवेट मेडिकल स्टोर्स से दवा खरीदकर लेकर आए हैं। परिजनों का कहना है कि ऐसी स्थिति में कैशलेश इलाज कैसे संभव होगा जब दवाएं बाहर से खरीदकर लाना पड़ेगा।
आयुष्मान से ज्यादातर मरीजों का इलाज
सदर हॉस्पिटल रांची में सबसे ज्यादा आयुष्मान योजना के तहत मरीजों के इलाज का लक्ष्य रखा गया है। इलाज के लिए ज्यादातर मरीजों को आयुष्मान योजना से जोड़ा भी जा रहा है। जिससे कि उन्हें योजना का लाभ मिल सके। ऐसे में फिलहाल की स्थिति मरीजों के लिए परेशानी खड़ी कर रही है। वहीं एक्सपर्ट का मानना है कि अस्पताल प्रशासन को पारदर्शिता और सुविधा के बीच संतुलन बनाना चाहिए। अगर गड़बड़ियों पर रोक लगानी है तो और भी तरीके अपनाए जा सकते है। जिससे मरीजों को समय पर दवा भी मिले और अनियमितता भी न हो।
डीएस का दावा, गड़बड़ी की मिली शिकायत
डीएस डॉ बिमलेश सिंह ने कहा कि हॉस्पिटल में बीते दिनों दवा वितरण में अनियमितताओं की शिकायतें मिली थीं। ये भी जानकारी मिली कि महंगी दवा की आपूर्ति में हेराफेरी की गई थी। इन गड़बड़ियों को रोकने और दवा वितरण की निगरानी सुनिश्चित करने के लिए ये कदम उठाया गया गया है। उन्होंने कहा कि मरीजों को परेशानी न हो इसका ध्यान रखा जा रहा है। अमृत फार्मेसी संचालक को ये निर्देश दिया गया है कि आयुष्मान के मरीजों को जो भी दवाएं दी जा रही हैं उसकी जानकारी मुझे भी दी जाए। जिससे कि पारदर्शिता बनी रहेगी।

