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पाकुड़ में जाली नोट छापने वाले गिरोह का पर्दाफाश, तीन गिरफ्तार

Jharkhand Pakur Fake currency racket : पुलिस के सामने आरोपियों ने एक चौंकाने वाला खुलासा किया। उन्होंने है बताया कि नकली नोट बनाने की तकनीक YouTube के माध्यम से सीखी थी। उसके बाद...

by Anand Mishra
Jharkhand Pakur Fake Currency Racket
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Pakur (Jharkhand) : झारखंड के सीमावर्ती जिलों में सक्रिय एक बड़े संगठित अपराध का पाकुड़ पुलिस ने सनसनीखेज खुलासा किया है। पुलिस ने एक ऐसे गिरोह का पर्दाफाश किया है, जो बड़े पैमाने पर जाली नोटों का कारोबार चला रहा था। इस मामले में त्वरित कार्रवाई करते हुए पुलिस ने तीन आरोपियों को धर दबोचा है। तलाशी के दौरान उनके कब्जे से जाली नोटों की बड़ी खेप के साथ-साथ नोट छापने की मशीन, अन्य आवश्यक उपकरण, दो मोटरसाइकिल और तीन मोबाइल फोन भी बरामद किए गए हैं।

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गिरोह का सरगना गिरफ्तार

इस घटना का विस्तृत खुलासा करते हुए पाकुड़ की पुलिस अधीक्षक (SP) निधि द्विवेदी ने बताया कि गिरफ्तार आरोपियों में गिरोह का मुख्य सरगना बादशाह खान है, जो पाकुड़िया थाना क्षेत्र के राज पोखर गांव का रहने वाला है। इसके अलावा, दो अन्य आरोपी दीपक पंडित और चमन लाल पंडित पड़ोसी जिले गोड्डा के सुंदर पहाड़ी इलाके के निवासी हैं।

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गुप्त सूचना पर पुलिस ने की कार्रवाई

एसपी निधि द्विवेदी ने बताया कि पुलिस को गोपनीय सूचना मिली थी कि एक संगठित गिरोह जिले में जाली नोटों के कारोबार को फैलाने में सक्रिय है। इस सूचना के आधार पर पुलिस ने अपनी खुफिया टीम को तुरंत सतर्क कर दिया। खुफिया जानकारी के बाद पुलिस ने सुनियोजित तरीके से छापेमारी कर इन तीनों आरोपियों को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की।

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पूछताछ में चौंकाने वाला खुलासा

पूछताछ के दौरान आरोपियों ने एक चौंकाने वाला खुलासा किया। उन्होंने पुलिस को बताया कि उन्होंने नकली नोट बनाने की तकनीक यूट्यूब (YouTube) के माध्यम से सीखी थी। उसके बाद, उन्होंने खुद ही नकली नोट छापने का काम शुरू कर दिया और उन्हें स्थानीय बाजारों में खपाने लगे। पुलिस ने आरोपियों के पास से 100 और 500 के कई जाली नोट बरामद किए हैं, जिन्हें वे हाट बाजारों में चलाने की फिराक में थे।

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नोट छापने की मशीन और उपकरण बरामद

एसपी निधी द्विवेदी ने यह भी जानकारी दी कि गिरोह के ठिकाने से नोट छापने की मशीन, दो अन्य महत्वपूर्ण उपकरण और कुछ अन्य सामान भी बरामद किए गए हैं, जिनका इस्तेमाल वे जाली नोट बनाने में करते थे। इन तीनों आरोपियों की गिरफ्तारी राज पोखर गांव से हुई है, जहां वे अपने गोरखधंधे को अंजाम दे रहे थे।

पुलिस ने इस पूरी कार्रवाई को अत्यंत गोपनीय और सुव्यवस्थित तरीके से अंजाम दिया। गिरफ्तारी से पहले इलाके में ऐसा माहौल बनाया गया कि शातिर अपराधियों को पुलिस की भनक तक नहीं लग सकी।

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मामले की जांच जारी

एसपी निधि द्विवेदी ने बताया कि पुलिस इस मामले की गहनता से जांच कर रही है। पुलिस यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि इस संगठित गिरोह में और कितने लोग शामिल हैं। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि यदि जांच में इस गैंग के अन्य सदस्यों की संलिप्तता पाई जाती है, तो उन्हें भी जल्द ही गिरफ्तार किया जाएगा। पुलिस इस मामले की तह तक जाकर पूरे नेटवर्क को ध्वस्त करने के लिए प्रतिबद्ध है।

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