Palamu (Jharkhand) : किसी भी मां के लिए अपने बच्चे से बढ़कर कुछ नहीं होता, लेकिन जब गरीबी और बीमारी का बोझ इतना बढ़ जाए कि जिंदगी चलाना मुश्किल हो जाए, तो ममता भी मजबूर हो जाती है। पलामू के लेस्लीगंज थाना क्षेत्र से एक ऐसा ही दर्दनाक मामला सामने आया है, जहां एक मां ने अपने नवजात बेटे को मात्र 50 हजार रुपये में बेच दिया।
स्तन कैंसर से पीड़ित हैं पिंकी देवी
लोटा गांव की पिंकी देवी स्तन कैंसर से पीड़ित हैं। बीमारी का इलाज और परिवार की दयनीय आर्थिक स्थिति ने उन्हें पूरी तरह से तोड़ दिया था। पहले से ही चार बच्चों की मां पिंकी देवी ने आखिरकार मजबूरी में अपने नवजात को एक निसंतान दंपति को सौंप दिया। पिंकी देवी ने मीडिया को बताया कि गरीबी और बीमारी ने उन्हें यह कदम उठाने को मजबूर कर दिया।
मुख्यमंत्री की पहल पर तुरंत हुआ रेस्क्यू
जैसे ही यह खबर मीडिया में आई, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इसका संज्ञान लिया और पलामू डीसी को तत्काल कार्रवाई का आदेश दिया। इसके बाद, लेस्लीगंज थाना प्रभारी उत्तम कुमार राय के नेतृत्व में पुलिस की एक टीम तुरंत लातेहार पहुंची और बच्चे को सफलतापूर्वक रेस्क्यू कर लिया।
Also Read : Jharkhand Zoo mismanagement : अकेले 10 क्षेत्रों के प्रभारी राम बाबू का साला बना स्वयंभू रेंजर
देखरेख करेगी बाल कल्याण समिति
फिलहाल, नवजात को उसकी मां के पास ही रखा गया है, लेकिन बच्चे की सुरक्षा और भविष्य की देखरेख बाल कल्याण समिति करेगी। बाल कल्याण समिति और प्रशासन ने पिंकी देवी के घर जाकर उनकी स्थिति का जायजा लिया और परिवार को तत्काल आर्थिक सहायता भी प्रदान की। प्रशासन ने यह भी आश्वासन दिया है कि बच्चे का भविष्य सुरक्षित करने के लिए सभी कानूनी प्रक्रियाएं पूरी की जाएंगी।
Also Read : Pitrupaksha 2025 : पितृपक्ष 2025 : जानें पितृऋण से मुक्ति और श्राद्ध का महत्व

 
														
 
	