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3000 रुपए सालाना दीजिए और हाईवे पर फर्राटा भरिए: नई टोल पॉलिसी की हकीकत क्या है?

by Neha Verma
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नई दिल्ली। केंद्र सरकार जल्द ही देशभर में एक नई टोल पॉलिसी लागू करने की तैयारी में है, जिसका उद्देश्य आम वाहन चालकों को टोल टैक्स से राहत देना है। इस पॉलिसी के तहत निजी कार मालिकों को केवल 3000 रुपए सालाना फीस चुकानी होगी, जिसके बाद वे देशभर के सभी हाईवे और एक्सप्रेसवे पर बिना कोई अतिरिक्त टोल दिए सफर कर सकेंगे।

हाल ही में केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने एक कार्यक्रम के दौरान संकेत दिया कि यह नई टोल पॉलिसी अगले 15 दिनों में लागू की जा सकती है। उन्होंने कहा कि नई व्यवस्था लागू होने के बाद वाहन चालकों को टोल प्लाजा पर रुकने या टोल कर्मियों से बहस करने की जरूरत नहीं होगी। इसके तहत वाहन फास्टैग लेन से सीधे और बिना किसी रुकावट के गुजर सकेंगे।

क्या है पॉलिसी का प्रस्ताव?

सरकारी सूत्रों के मुताबिक, इस नई नीति में वाहन मालिकों को सालाना शुल्क देकर टोल प्लाजा से अनलिमिटेड यात्रा की सुविधा दी जाएगी। यह सुविधा खासतौर पर निजी कार चालकों के लिए होगी, जिनसे 3000 रुपए सालाना लिए जाएंगे।
वहीं, कमर्शियल वाहनों और मोटरसाइकिल चालकों के लिए अभी शुल्क तय नहीं किया गया है। हालांकि, दोपहिया वाहनों को पहले की तरह टोल फ्री ही रखा जाएगा।

किसे होगा सबसे ज्यादा फायदा?

यह पॉलिसी उन लोगों के लिए बेहद फायदेमंद होगी जो अक्सर एक शहर से दूसरे शहर की यात्रा करते हैं। उदाहरण के तौर पर, अगर कोई व्यक्ति अपनी कार से साल में सिर्फ चार बार 500 किलोमीटर की यात्रा करता है, तो मौजूदा टोल दरों के अनुसार एक बार की यात्रा में लगभग 2100 से 2400 रुपए खर्च हो सकते हैं।
इस हिसाब से साल भर में टोल पर 6000 से 6500 रुपए तक खर्च होते हैं। ऐसे में 3000 रुपए की सालाना फीस देकर यह व्यक्ति करीब 50% तक की बचत कर सकता है।

आजीवन पास की स्थिति क्या है?

नई टोल पॉलिसी में लाइफटाइम पास यानी पेट्रोल कार (15 साल तक) और डीजल कार (10 साल तक) के लिए अभी कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है। हालांकि, यदि कोई वाहन मालिक एक साल के लिए शुल्क देना चाहे, तो उसे यह विकल्प उपलब्धp रहेगा।

NHAI की प्रतिक्रिया

नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) से जुड़े सूत्रों के मुताबिक, अभी तक इस पॉलिसी को लागू करने को लेकर कोई ठोस निर्णय नहीं लिया गया है। नीति प्लानिंग मोड में भी नहीं पहुंची है।
इसलिए, यह कहना फिलहाल जल्दबाजी होगी कि यह पॉलिसी कब तक लागू होगी और इसमें क्या-क्या मिलेंगी।

नई टोल पॉलिसी को लेकर भले ही सरकार की मंशा जनता को राहत देने की हो, लेकिन इसकी जमीनी हकीकत फिलहाल असमंजस में है। जब तक NHAI की ओर से कोई औपचारिक अधिसूचना जारी नहीं होती, तब तक यह योजना विचाराधीन प्रस्ताव ही मानी जाएगी।

अब देखने वाली बात होगी कि क्या सरकार अगले 15 दिनों में वाकई इस नीति को लागू कर पाती है या फिर यह सिर्फ एक और घोषणा बनकर रह जाती है।

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