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राजधानी में घरों से नहीं उठ रहा कचरा, कहीं इस एजेंसी की भी न हो जाए छुट्टी

by Vivek Sharma
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रांची : शहर की सफाई का जिम्मा रांची नगर निगम ने एजेंसी के हाथों में सौंप दिया है। लेकिन, सफाई करने वाली एजेंसी स्वच्छता कॉरपोरेशन हर दिन डोर टू डोर वेस्ट कलेक्शन नहीं कर रही है। इससे लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इतना ही नहीं लोग घर का कचरा रोड पर फेंकने को मजबूर हैं। इससे शहर की भी छवि खराब हो रही है। अब नगर निगम शहर के लोगों से कचरा उठाव नहीं होने पर कनेक्ट सेंटर 1800 570 1235 और 9204822445 पर शिकायत करने की अपील कर रहा है। इससे कि शहर की सफाई को बेहतर बनाया जा सके। लेकिन, सबसे बड़ा सवाल ये है कि कचरा उठाव नहीं करने पर एजेंसी पर रांची नगर निगम कार्रवाई क्यों नहीं कर रहा है। अगर यहीं रवैया रहा तो पहले की एजेंसियों की तरह कहीं इस एजेंसी की भी छुट्टी न हो जाए।

तीन एजेंसियां हो चुकी हैं फेल

रांची नगर निगम शहर की साफ-सफाई के लिए लगातार प्रयास कर रहा है, लेकिन अब तक इसके प्रयासों में सफलता नहीं मिल पाई है। तीन एजेंसियों द्वारा शहर की सफाई का जिम्मा संभालने के बावजूद, नगर निगम को अभी तक पूर्ण रूप से कचरा मुक्त रांची नहीं मिल पाया है। इन एजेंसियों ने अब तक केवल कागजी कार्रवाई और बेमन से सफाई का काम किया है, जिसके परिणामस्वरूप करोड़ों रुपये खर्च किए गए, लेकिन शहर की स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ। अब नगर निगम एक बार फिर से कचरा प्रबंधन के लिए नई एजेंसी को टेंडर के बाद काम सौंप दिया है। करोड़ों रुपये दिए जाने के बावजूद एजेंसी ढंग से कचरा कलेक्शन नहीं कर पा रही है।

2014 से ही चल रही तैयारी

रांची नगर निगम ने पहले तीन एजेंसियों को सफाई कार्य से हटा दिया था। सबसे पहले, मई 2014 में एटूजेड कंपनी को सफाई का जिम्मा सौंपा गया था, लेकिन कंपनी ठीक से सफाई नहीं कर पाई। डेढ़ साल में ही एजेंसी ने काम छोड़ दिया। इसके बाद, 2016-17 में एस्सेल इंफ्रा को जिम्मा सौंपा गया, लेकिन यह कंपनी अपने कर्मचारियों को समय से वेतन नहीं दे पाई, जिसके चलते उसे भी हटाना पड़ा। फिर, सीडीसी कंपनी को 2022 में हटा दिया गया। इसके बाद निगम ने खुद से सफाई का जिम्मा उठाया, लेकिन कचरे के न उठाने की लगातार शिकायतों के कारण एक नई एजेंसी की जरूरत महसूस हुई। इसके बाद ही नई एजेंसी स्वच्छता कॉरपोरेशन को काम दिया गया।

ऐसे करना है वेस्ट का कलेक्शन

नई एजेंसी को काम ये दिया गया है कि वह घरों से कचरा एकत्र करके उसे एक सेंटर पर भेजेगी, जहां उसे अलग-अलग किया जाएगा। लेकिन, इससे पहले घरों से ही सूखा और गीला कचरा घर पर ही अलग अलग रखना होगा। इसके बाद ही एजेंसी उसके निपटारे की प्रक्रिया करेगी। नगर निगम ने शहर के कचरा प्रबंधन के लिए अब तक करोड़ों रुपये से अधिक खर्च किए हैं। रांची से हर दिन लगभग 600 मीट्रिक टन कचरा निकलता है। इसके बावजूद कचरा अलग अलग कलेक्शन नहीं हो पा रहा है। अगर यही स्थिति रही तो इस एजेंसी को भी बाहर का रास्ता दिखाया जाएगा।

गीला-सूखा कचरा अलग करने के लिए जागरूकता अभियान

रांची नगर निगम ने शुक्रवार को सोर्स सेग्रिगेशन (गीला-सूखा कचरा अलग करना) को बढ़ावा देने के लिए जागरूकता अभियान की शुरुआत की। उप प्रशासक रविंद्र कुमार ने निगम कार्यालय से दो आईईसी वाहनों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया, जो सभी 53 वार्डों में घूम-घूम कर नागरिकों को कूड़े के अलग-अलग रखने को लेकर जागरूक करेंगे। यह अभियान गीले और सूखे कूड़े को अलग-अलग करने की आवश्यकता पर जोर देगा। उप प्रशासक ने कहा कि स्वच्छता एक निरंतर प्रक्रिया है, जिसमें सभी नागरिकों की भागीदारी जरूरी है।

उन्होंने बताया कि गीला कूड़ा झिरी स्थित सीबीजी प्लांट में ऊर्जा और खाद बनाने के लिए उपयोग किया जा रहा है। उप प्रशासक ने नागरिकों से अपील की कि वे कूड़े को सही तरीके से छांटकर डस्टबिन में डालें और इसे सड़क पर न फेंके। इसके अलावा मेसर्स स्वच्छता कॉरपोरेशन द्वारा संचालित डोर-टू-डोर कूड़ा संग्रहण सेवा के तहत निगम कार्यालय में कमांड एंड कंट्रोल रूम का उद्घाटन किया गया।

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