तिरुपति: तिरुमाला में चढ़ाए जानेवाले लड्डुओं में इस्तेमाल किए जानेवाले घी में मिलावट के आरोप में एसआईटी ने चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है। तिरुपति के द्वितीय अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट कोर्ट ने गुरुवार को इन चार आरोपियों को 14 से 18 फरवरी तक की पांच दिन की संयुक्त एसआईटी हिरासत में भेजने का आदेश दिया। इस मामले में तीन दिन पहले सीबीआई की संयुक्त एसआईटी ने कोर्ट में याचिका दायर की थी, जिसमें आरोपियों को सात दिन की हिरासत में लेने की मांग की गई थी।
कोर्ट ने दी पांच दिन के हिरासत की अनुमति
हालांकि, कोर्ट ने अभियोजन पक्ष की मांग पर सुनवाई के बाद केवल पांच दिन की हिरासत की अनुमति दी। अभियोजन पक्ष की ओर से लोक अभियोजक सीएन गोपीनाथन और एपीपी पी जयशेखर ने कहा कि आरोपियों ने जांच में सहयोग नहीं किया और महत्वपूर्ण जानकारी देने से इन्कार कर दिया। उनका मानना था कि इस मामले में सच्चाई का पता लगाने और मिलावट की पूरी कड़ी को समझने के लिए आरोपियों को हिरासत में रखा जाना जरूरी है।
बचाव पक्ष ने दिया यह तर्क
इस पर बचाव पक्ष के वकील, सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता हशाना सुखदेव और तिरुपति के वरिष्ठ अधिवक्ता वाणी ने अभियोजन पक्ष के अनुरोध का विरोध किया। उन्होंने तर्क दिया कि एसआईटी को आरोपियों से मिली जानकारी पहले ही पर्याप्त थी, और आगे की हिरासत की आवश्यकता नहीं है। बचाव पक्ष ने यह भी कहा कि जिन लोगों को समन भेजा गया था, वे सभी जांच में शामिल हो रहे थे, और उनके खिलाफ कोई ठोस सबूत नहीं है जो हिरासत की आवश्यकता को justify कर सके।
कोर्ट में क्या कहा एसआईटी ने
एसआईटी की टीम ने आरोपियों की हिरासत की मांग करते हुए कहा कि यदि इन आरोपियों को हिरासत में नहीं लिया गया, तो यह जांच में रुकावट डाल सकता है, और कई महत्वपूर्ण तथ्य सामने नहीं आ सकेंगे।
आरोपियों को जेल से ले जाकर होगी पूछताछ
कोर्ट द्वारा आरोपियों को पांच दिन की हिरासत में भेजे जाने के बाद, एसआईटी की टीम को उम्मीद है कि शुक्रवार सुबह कार्यालय समय के दौरान आरोपियों को तिरुपति उप जेल से हिरासत में लिया जाएगा। इसके बाद एसआईटी इस मामले में और गहन जांच करेगी, ताकि तिरुमाला लड्डू घी में मिलावट करने के आरोपियों की पूरी साजिश का पर्दाफाश किया जा सके।
मिलावट के आरोपों ने मचाई थी सनसनी
यह मामला तिरुमाला लड्डू घी में मिलावट को लेकर चर्चा में आया है, जिसने स्थानीय प्रशासन के अलावा देशभर में भी खलबली मचाई है। इस घोटाले की जांच अब और तीव्र गति से आगे बढ़ेगी, और यह उम्मीद जताई जा रही है कि मामले में सभी आरोपियों के खिलाफ कठोर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।