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Stock Market : शेयर बाजार पर ‘फर्क नहीं पड़ा’ की स्थिति: 4 गुड न्यूज के बावजूद गिरावट के 4 बड़े कारण

by Rakesh Pandey
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बिजनेस डेस्क : शेयर बाजार के लिए यह समय कुछ उलझा हुआ साबित हो रहा है। आमतौर पर किसी भी बड़े ऐलान जैसे बजट, रिजर्व बैंक के फैसले, चुनावी परिणाम आदि का बाजार पर सीधा असर पड़ता है, लेकिन इस बार, ऐसा लगता है कि शेयर बाजार इन घोषणाओं पर प्रतिक्रिया नहीं दे रहा है। यहां तक कि चार बड़ी खुशखबरी मिलने के बावजूद बाजार में कोई उत्साह नहीं दिखा। तो आखिर क्यों शेयर बाजार इन सकारात्मक घटनाओं पर प्रतिक्रिया नहीं दे रहा? आइए जानते हैं इसके पीछे के कारण।

चार महत्वपूर्ण गुड न्यूज:

पहली गुड न्यूज आई 1 फरवरी 2025 को, जब वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मोदी 3.0 के बजट में एक बड़ा ऐलान किया। उन्होंने 12 लाख रुपये तक की आय को टैक्स फ्री करने की घोषणा की, जिससे लाखों लोगों को आयकर से राहत मिली।

इसके बाद, दूसरी गुड न्यूज भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) से आई, जब 5 साल के लंबे इंतजार के बाद RBI ने रेपो रेट में 25 बेसिस प्वाइंट की कटौती की और इसे 6.50% से घटाकर 6.25% कर दिया। यह निर्णय आम जनता के लिए राहत का संकेत था, क्योंकि इस फैसले से कर्ज सस्ता होने की उम्मीद थी।

तीसरी गुड न्यूज भी RBI से आई, जब गवर्नर संजय मल्होत्रा ने बैंकिंग प्रणाली को मजबूत करने के लिए लिक्विडिटी बढ़ाने का ऐलान किया।

चौथी गुड न्यूज दिल्ली विधानसभा चुनावों के नतीजों के रूप में आई, जिसमें भाजपा ने स्पष्ट बहुमत हासिल किया। हालांकि, इन चारों घटनाओं का कोई खास असर शेयर बाजार पर नहीं दिखा।

बजट के दिन शेयर बाजार की हलचल:

बजट 2025 में 12 लाख रुपये तक की इनकम को टैक्स फ्री करने की घोषणा के बावजूद, शेयर बाजार ने उत्साह के बजाय धीमी प्रतिक्रिया दी। बजट के दिन, सेंसेक्स महज 5 अंक चढ़कर 77,505.96 पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी 26 अंक चढ़कर 23,482.15 पर क्‍लोज हुआ।

RBI के फैसले का असर

आरबीआई द्वारा रेपो रेट कटौती के बावजूद शेयर बाजार में गिरावट देखने को मिली। जब यह ऐलान हुआ, तो बाजार गिरावट के साथ लाल निशान पर बंद हुआ। सेंसेक्स 197.97 अंक गिरकर 77,860.19 पर, जबकि निफ्टी 23,559.95 पर बंद हुआ।

दिल्ली चुनाव परिणाम का प्रभाव

दिल्ली विधानसभा चुनाव में भाजपा की जीत के बाद भी शेयर बाजार ने कोई खास प्रतिक्रिया नहीं दी। जब बाजार खुला, तो सेंसेक्स और निफ्टी दोनों में तेज गिरावट देखने को मिली। यह इस बात का संकेत था कि बाजार में कोई खुशी या सकारात्मक भावना नहीं थी।

शेयर बाजार पर दबाव डाल रहे ये 4 बड़े कारण

ट्रंप टैरिफ का दबाव

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने स्टील और एल्यूमिनियम आयात पर 25% शुल्क लगाने का ऐलान किया है, जिसका भारतीय कंपनियों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा है। भारत से स्टील और एल्यूमिनियम निर्यात करने वाली कंपनियां प्रभावित हो रही हैं, जिससे शेयर बाजार में दबाव आ रहा है।

रुपये में गिरावट

भारत की करेंसी रुपया लगातार गिरती जा रही है। बजट के दो दिन बाद ही रुपया 87 के स्तर को पार कर गया और फिर भी गिरावट जारी है। यह स्थिति निवेशकों के लिए चिंताजनक है और इसका असर शेयर बाजार पर दिखाई दे रहा है। हालांकि, रिजर्व बैंक इसे ज्यादा चिंता की बात नहीं मानता, लेकिन रुपये की गिरावट शेयर बाजार में अस्थिरता का कारण बन रही है।

FPI (विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक) की बिकवाली

विदेशी निवेशकों ने जनवरी में भारी निकासी की थी और फरवरी में भी 10,179 करोड़ रुपये से ज्यादा निकाल लिए हैं। रुपये की गिरावट और डॉलर की मजबूती के चलते विदेशी निवेशक भारतीय बाजारों से बाहर जा रहे हैं, जिससे शेयर बाजार पर दबाव बना हुआ है।

खराब तिमाही नतीजे

भारत की प्रमुख कंपनियों के तिमाही परिणाम उम्मीदों के मुताबिक नहीं रहे। आईटीसी, एनएचपीसी, टाटा केमिकल्स, अदानी एंटरप्राइजेज, स्विगी जैसी कंपनियों के घाटे के नतीजे ने निवेशकों की धारणा को प्रभावित किया है। इन नतीजों ने शेयर बाजार में मंदी का माहौल पैदा किया है।

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