प्रयागराज: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाल ही में प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ में सनातन धर्म और भारत की एकता को लेकर महत्वपूर्ण बयान दिया। उन्होंने कहा कि भारत की एकता और अखंडता के लिए सनातन धर्म का संरक्षण आवश्यक है, क्योंकि अगर भारत पर कोई संकट आता है तो इसका असर पूरे देश के धर्म और संप्रदायों पर पड़ेगा।
भारत की एकता में सनातन धर्म की भूमिका
सीएम योगी ने अपने भाषण में भारत की सनातन संस्कृति को लेकर अपनी बात रखी। उन्होंने कहा, “भारत में एकता की आवश्यकता है, क्योंकि अगर भारत पर संकट आया तो इसका मतलब सनातन धर्म पर संकट आना है और जब संकट आ जाएगा, तो कोई भी संप्रदाय सुरक्षित महसूस नहीं करेगा।” उनके इस बयान से यह स्पष्ट होता है कि वह देश की सांप्रदायिक एकता और अखंडता को मजबूत करने के लिए सनातन धर्म को एक मजबूत आधार मानते हैं।
उन्होंने कहा कि भारत की सनातन संस्कृति का प्रसार तलवार के बल पर नहीं हुआ, बल्कि यह अपने अहिंसक और समन्वयवादी दृष्टिकोण के माध्यम से दुनिया में फैला। योगी आदित्यनाथ ने इसे और स्पष्ट करते हुए कहा, “धर्म एक ही है और वह है सनातन धर्म। यह मानव धर्म है।”
धर्म और एकता का संदेश
सीएम योगी ने महाकुंभ से यह संदेश देने का भी प्रयास किया कि किसी भी धर्म का मूल उद्देश्य मानवता के कल्याण की दिशा में होना चाहिए। उनका कहना था कि अगर हम एकता से रहेंगे, तो न केवल भारत सुरक्षित रहेगा, बल्कि हर धर्म और संप्रदाय भी सुरक्षित रहेगा। योगी ने कहा, “कुंभ का संदेश यही है कि एकता से ही देश अखंड रहेगा। अगर भारत सुरक्षित रहेगा, तो हर धर्म और संप्रदाय सुरक्षित रहेगा।” उनका यह बयान महाकुंभ के आयोजन के महत्व को और बढ़ा देता है, जहां लाखों श्रद्धालु एक साथ एकता के प्रतीक के रूप में जुटते हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि यह समय है जब हमें संप्रदायवाद और अलगाव की भावना से ऊपर उठकर एकजुट होना चाहिए। “अगर सनातन धर्म पर संकट आएगा, तो फिर भारत में कोई भी संप्रदाय खुद को सुरक्षित नहीं महसूस करेगा। इसलिए, हमें हर हाल में एकता का संदेश देना है और यह सुनिश्चित करना है कि संकट की स्थिति उत्पन्न न हो।”
महाकुंभ का महत्त्व
सीएम योगी के बयान से यह साफ हो जाता है कि महाकुंभ केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक नहीं है, बल्कि यह देश की एकता और अखंडता का भी प्रतीक है। महाकुंभ में लाखों श्रद्धालु एक साथ आते हैं, और यह एकता का संदेश पूरे देश तक पहुंचता है। योगी आदित्यनाथ ने इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विचारों का भी उल्लेख किया, जिन्होंने कुंभ के महत्व को न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से, बल्कि राष्ट्र की एकता और अखंडता के संदर्भ में भी जोर दिया है।
सकारात्मक माहौल और चुनौतियां
योगी आदित्यनाथ ने यह भी कहा कि जितना सकारात्मक माहौल है, उतनी ही चुनौतियां भी होती हैं। उनका यह बयान दर्शाता है कि हालांकि हमें एकता की दिशा में आगे बढ़ने की जरूरत है, लेकिन इस रास्ते में कई प्रकार की चुनौतियां आ सकती हैं, जिन्हें साझा प्रयासों के साथ पार करना होगा।