Ranchi (Jharkhand) : झारखंड में हुए बहुचर्चित शराब घोटाला मामले में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) ने एक और बड़ी गिरफ्तारी करते हुए बुधवार को प्रिज्म होलोग्राफी प्राइवेट लिमिटेड के प्रबंध निदेशक विधु गुप्ता को रांची से हिरासत में लिया। मूल रूप से ग्रेटर नोएडा (उत्तर प्रदेश) निवासी विधु गुप्ता को 20 मई को दर्ज प्राथमिकी के आधार पर गिरफ्तार किया गया है। यह इस घोटाले में ACB द्वारा की गई आठवीं गिरफ्तारी है।
आबकारी विभाग में फर्जी जनशक्ति नियुक्तियों की खुली परतें
घोटाले में JSBCL के टेंडरों का हुआ दुरुपयोग : जांच में सामने आया है कि झारखंड राज्य में आबकारी लाइसेंसधारियों और JSBCL (Jharkhand State Beverages Corporation Limited) की निविदाओं के तहत फर्जी जनशक्ति की नियुक्ति में विधु गुप्ता की कंपनी प्रिज्म होलोग्राफी की अहम भूमिका रही है। ACB के अनुसार, फर्जी दस्तावेज, बढ़े हुए वेतन दावे और जनशक्ति के नाम पर किए गए गलत भुगतान के जरिए सरकारी धन की हेराफेरी की गई।
घोटाले के मास्टरमाइंड विधु गुप्ता का कई राज्यों में है नेटवर्क
ACB के अनुसार, विधु गुप्ता का नेटवर्क केवल झारखंड में ही नहीं, बल्कि कई राज्यों में फैला हुआ है। उसने आबकारी अधिकारियों, ठेकेदारों और जनशक्ति एजेंसियों के साथ मिलकर एक संगठित गिरोह खड़ा किया था, जो फर्जीवाड़े के जरिए लाखों-करोड़ों की बंदरबांट करता था। गिरफ्तार व्यवसायी सिद्धार्थ सिंघानिया ने पूछताछ में प्रिज्म होलोग्राफी और विधु गुप्ता को ही झारखंड में अवैध जनशक्ति मॉडल के प्रमुख संचालक के रूप में चिन्हित किया था।
अब तक 38 करोड़ रुपए से अधिक का घोटाला उजागर
ACB द्वारा दर्ज मामले में अब तक 38 करोड़ रुपये से अधिक के शराब घोटाले की परतें खुल चुकी हैं। इस मामले में अब तक IAS अधिकारी और तत्कालीन उत्पाद सचिव विनय कुमार चौबे, संयुक्त आयुक्त गजेंद्र सिंह, JSBCL के वित्त महाप्रबंधक सुधीर कुमार दास, पूर्व जीएम सुधीर कुमार, सिक्योरिटी एजेंसी मार्शन इनोवेटिव के प्रतिनिधि नीरज कुमार सिंह, और व्यवसायी सिद्धार्थ सिंघानिया सहित कई हाई-प्रोफाइल गिरफ्तारियां हो चुकी हैं।
आने वाले दिनों में हो सकती हैं और गिरफ्तारियां
ACB सूत्रों के मुताबिक, यह गिरफ्तारी शराब घोटाले की जांच में एक निर्णायक मोड़ माना जा रहा है। आने वाले दिनों में और कई रसूखदारों की गिरफ्तारी की संभावना है, क्योंकि विधु गुप्ता के नेटवर्क से जुड़े और भी नामों की पहचान की जा रही है।
राज्य में भ्रष्टाचार के खिलाफ एक मजबूत संकेत
दूसरी ओर जानकार बताते हैं कि झारखंड के शराब घोटाले में ACB की यह कार्रवाई न केवल घोटाले के मूल सूत्रधारों तक पहुंचने की दिशा में बड़ा कदम है, बल्कि राज्य में भ्रष्टाचार के खिलाफ एक मजबूत संकेत भी देती है। विधु गुप्ता की गिरफ्तारी से साफ है कि जांच एजेंसियां अब घोटाले की गहराई में उतरने को तैयार हैं और कोई भी बड़ा नाम कानून से ऊपर नहीं है।