नई दिल्ली/Kangana Ranaut: लोकसभा चुनाव की तारीखें नजदीक आ चुकी हैं। इसी बीच बॉलीवुड अभिनेत्री और हिमाचल की मंडी सीट से बीजेपी कैंडिडेट कंगना रनौत लगातार सुर्खिंयों में छाई हुई हैं। रविवार को नेताजी सुभाष चंद्र बोस के परिवार ने कंगना रनौत को फटकार लगाई है। इसके साथ ही ये भी कहा है कि किसी को भी अपनी राजनीतिक महत्वाकांक्षा के लिए इतिहास को नहीं बिगाड़ना चाहिए।
Kangana Ranaut ने नेहरू की बजाए नेताजी को बताया पहला प्रधानमंत्री
दरअसल, हाल ही में कंगना रनौत ने जवाहरलाल नेहरू की बजाए नेताजी सुभाष चंद्र बोस को भारत का पहला प्रधानमंत्री बताया था। इसे लेकर कंगना सोशल मीडिया पर ट्रोल भी हुई थीं। वही कंगना ने ट्रोलर्स को दोबारा इतिहास पढ़ने की नसीहत तक दे दी थी।
कंगना के बयान पर भड़के नेताजी के पोते
एक्स पर एक पोस्ट में नेताजी सुभाष चंद्र बोस के पोते चंद्र कुमार बोस ने कहा कि किसी को भी अपनी राजनीतिक महत्वाकांक्षा के लिए इतिहास को विकृत नहीं करना चाहिए। नेताजी सुभाष चंद्र बोस एक राजनीतिक विचारक, सैनिक, राजनेता, दूरदर्शी और अविभाजित भारत के पहले प्रधानमंत्री थे। एकमात्र नेता, जो भारत की स्वतंत्रता के लिए लड़ने के लिए भारतीय के रूप में सभी समुदायों को एकजुट कर सकते थे। नेताजी के प्रति वास्तविक सम्मान उनकी विचारधारा का अनुसरण करना।
वहीं, पिछले साल सितंबर में चंद्र कुमार बोस ने यह कहते हुए बीजेपी से इस्तीफा दे दिया था कि इसके पीछे उन्होंने उनके सिद्धांत पार्टी के साथ मेल न खाने की वजह बताई थी। उनका इस्तीफा इंडिया बनाम भारत विवाद के बीच आया था।
कंगना ने निर्वासित सरकार का हवाला देकर दिया अपने बयान को बल
वहीं, मामला गरमाने पर कंगना रनौत ने 1943 में सुभाष चंद्र बोस द्वारा स्थापित निर्वासित सरकार का हवाला देकर अपने दावों को बल दिया था। इस सरकार के पास अपनी फौज से लेकर बैंक तक की व्यवस्था थी। बोस ही इस सरकार के प्रधानमंत्री, विदेश मंत्री और रक्षा मंत्री थे। इस सरकार को आजाद हिंद सरकार कहा जाता था। वहीं, सुभाष चंद्र बोस के पोते ने इस मामले की कड़ी निंदा की है और कंगना रनौत को इतिहास से छेड़छाड़ नहीं करने की सलाह दी है।
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