मुंबई : गेटवे ऑफ इंडिया के पास नीलकमल नाव हादसे में जीवित बचने वाले यात्री नथाराम चौधरी की शिकायत पर कोलाबा पुलिस स्टेशन में नौसेना की गश्ती स्पीडबोट के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। हादसे के बाद नौसेना ने आज सुबह नाव को समुद्र से निकाला और उसकी छानबीन करना शुरू की। वहीं, नौसेना, तटरक्षक दल और अन्य बचाव दल इस हादसे में लापता हुए दो लोगों की तलाश कर रहे हैं।
हादसे में 13 लोगों की मौत, 101 लोग सुरक्षित
इस दर्दनाक हादसे में अब तक 13 लोगों की जान जा चुकी है और 101 लोगों को बचा लिया गया है। इनमें जर्मनी के दो विदेशी नागरिक भी शामिल हैं। मृतकों में 7 पुरुष, 4 महिलाएं और 2 बच्चे हैं, जिनकी पहचान महेंद्र सिंह शेखावत, प्रवीण शर्मा, मंगेश, मोहम्मद रेहान कुरेशी, राकेश नानाजी अहिरे, सफियाना पठान, माही पावरा, अक्षता राकेश अहिरे, मिठू राकेश अहिरे और दीपक वी के रूप में की गई है। हालांकि, तीन शवों की पहचान अभी तक नहीं हो सकी है। इस हादसे में बचाए गए दो यात्रियों की हालत गंभीर बनी हुई है।
नौसेना की स्पीडबोट से टकराई नीलकमल नाव
यह हादसा बुधवार को करीब सवा तीन बजे हुआ, जब नीलकमल नाव गेटवे ऑफ इंडिया से एलीफेंटा पर्यटन स्थल की ओर जा रही थी। उरन कारंजा के पास नौसेना की स्पीडबोट से टकराकर यह नाव दुर्घटनाग्रस्त हो गई। नौसेना की स्पीडबोट में छह लोग सवार थे, जिनमें से तीन की मौत हो चुकी है, एक की हालत गंभीर है, और दो का इलाज जारी है। नौसेना के मुताबिक, स्पीडबोट में नया इंजन लगाया गया था, और इंजन में अचानक खराबी आने के कारण यह बेकाबू हो गई थी।
मुख्यमंत्री फडणवीस ने जांच का आदेश दिया, मुआवजे की घोषणा
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस गंभीर हादसे की जांच का आदेश दिया है और मृतकों के परिवारों को 5-5 लाख रुपये की आर्थिक मदद देने की घोषणा की है। इसके अलावा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी मृतकों के परिवारों को 2-2 लाख रुपये और घायलों को 50-50 हजार रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है।
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