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Jharkhand Birth Certificate Controversy : रांची में IAS ऑफिसर के बेटे के तीन बर्थ सर्टिफिकेट पर विवाद, BJP ने सरकार से पूछा सवाल

by Rakesh Pandey
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रांची : झारखंड के रांची नगर निगम में एक आईएएस अधिकारी के बेटे के तीन जन्म प्रमाण पत्र को लेकर विवाद सामने आया है। यह मामला अब तूल पकड़ चुका है और विपक्षी पार्टी भाजपा (BJP) ने सरकार से इस पूरे मामले को लेकर सवाल उठाए हैं। भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता अजय साह ने गुरुवार को प्रदेश कार्यालय में संवाददाता सम्मेलन आयोजित कर झारखंड सरकार से चार महत्वपूर्ण सवाल पूछे।

भाजपा के सवाल

अजय साह ने कहा कि आईएएस अधिकारी राजीव रंजन के बेटे के एक जन्म प्रमाण पत्र को वैध माना गया है, जबकि बाकी दो को निरस्त कर दिया गया है। इस पर उन्होंने पहला सवाल उठाया, “रांची नगर निगम ने इन तीन प्रमाण पत्रों में से किसे वैध ठहराया और किन्हें रद्द किया गया? और यह निर्णय किस आधार पर लिया गया कि कौन सा प्रमाण पत्र असली है और कौन सा फर्जी?” इसके बाद उन्होंने दूसरा सवाल पूछा, “जन्म प्रमाण पत्र के लिए आवेदन करते वक्त एक शपथ पत्र देना अनिवार्य होता है। यदि यह शपथ पत्र फर्जी था, तो क्या नगर निगम ने संबंधित आईएएस अधिकारी के खिलाफ फर्जीवाड़े का मामला दर्ज किया है?”

तीसरे सवाल में उन्होंने कहा, “नगर निगम के उस अधिकारी के खिलाफ क्या कार्रवाई की गई जिसने तीन अलग-अलग जन्म प्रमाण पत्र जारी किए और सत्यापित किए?” अजय साह ने चौथे सवाल में पूछा, “आईएएस अधिकारी राजीव रंजन वर्तमान में जिस ऊंचे पद पर कार्यरत हैं, उनके खिलाफ विभागीय स्तर पर कौन सी अनुशासनात्मक कार्रवाई की गई है? क्या ऐसे अधिकारी के भरोसे झारखंड का पूरा वित्त विभाग चलाया जाएगा?”

जनता व अधिकारियों के लिए अलग-अलग कानून का आरोप


अजय साह ने कहा कि झारखंड में “कानून के राज” का खुलेआम मजाक उड़ाया जा रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि आम जनता और बड़े अधिकारियों के लिए अलग-अलग कानून लागू किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा, “अगर यह फर्जीवाड़ा एक आम व्यक्ति ने किया होता, तो नगर निगम तुरंत सख्त कार्रवाई करता, लेकिन चूंकि यह मामला एक बड़े अधिकारी से जुड़ा है, तो निगम का रवैया नरम नजर आ रहा है।”

भाजपा नेता ने मामले की गंभीरता से जांच करने और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। साथ ही, उन्होंने एसएससी और सीजीएल परीक्षा पर प्रतिक्रिया देते हुए इसे एक बड़ा धोखा और फर्जीवाड़ा करार दिया और सरकार को चुनौती दी कि यदि किसी भाजपा नेता की इसमें संलिप्तता है, तो ठोस सबूत पेश किए जाएं, न कि मनगढ़ंत आरोप लगाए जाएं।

भाजपा का गुमराह करने पर जवाब

अजय साह ने कहा कि अगर जेएमएम के अनुसार, छात्रों के साथ खड़ा होना उन्हें गुमराह करना माना जाता है, तो भाजपा इस तरह का गुमराह अगले पांच साल तक करती रहेगी।

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