जमशेदपुर : कोल्हान विश्वविद्यालय (केयू) में 20 महीने बाद नए कुलपति की नियुक्ति हुई, लेकिन अब भी विश्वविद्यालय को स्थायी कुलपति का इंतजार है। 28 फरवरी को राजभवन ने डॉ. अंजिला गुप्ता की नियुक्ति का नोटिफिकेशन जारी किया, लेकिन 12 दिन बीत जाने के बावजूद उन्होंने योगदान नहीं दिया है।
पहले कहा जा रहा था कि वे इसी सप्ताह कार्यभार संभालेंगी, लेकिन अब तक विश्वविद्यालय प्रशासन को कोई स्पष्ट तिथि नहीं मिली है। डॉ. गुप्ता का कहना है कि वे जल्द योगदान देंगी, लेकिन कोई निश्चित तारीख नहीं बताई गई है।
इस बीच, नीलांबर-पितांबर विश्वविद्यालय के साथ नियुक्त किए गए कुलपति डॉ. दिनेश कुमार सिंह ने अपना कार्यभार संभाल लिया है और काम शुरू कर दिया है। ऐसे में यह सवाल उठ रहा है कि डॉ. अंजिला गुप्ता अब तक क्यों नहीं आईं, जबकि वे महिला विश्वविद्यालय, जमशेदपुर में ही हैं, जो कोल्हान विश्वविद्यालय (चाईबासा) से मात्र 60 किलोमीटर की दूरी पर है।
कई महत्वपूर्ण कार्य हो रहे प्रभावित
कोल्हान विश्वविद्यालय में स्थायी कुलपति नहीं होने की वजह से कई प्रशासनिक और शैक्षणिक कार्य रुके हुए हैं, जिनमें सबसे अधिक छात्र-छात्राओं से जुड़े मामले हैं।
प्रभावित कार्य:
- PhD प्रवेश परीक्षा का परिणाम तैयार होने के बावजूद जारी नहीं हो रहा है।
- कॉलेजों को कंटिजेंसी और परीक्षा फंड अब तक नहीं मिला है, जिससे वित्तीय संकट बढ़ रहा है।
- विश्वविद्यालय शिक्षकों की प्रोन्नति (Promotion) के लिए स्क्रीनिंग कमेटी का गठन नहीं हो पाया है।
- शिक्षकों के ट्रांसफर और पोस्टिंग के मामले अटके हुए हैं।
- दीक्षांत समारोह का आयोजन अधर में लटका हुआ है।
- बोड़ाम डिग्री कॉलेज के निर्माण कार्य के लिए फंड आवंटन नहीं हो पाया है।
— जिन कॉलेजों में शिक्षक नहीं हैं, वहां नियुक्ति प्रक्रिया शुरू नहीं हो सकी है।
क्या अगला हफ्ता होगा निर्णायक?
सूत्रों के मुताबिक, डॉ. अंजिला गुप्ता अगले सप्ताह योगदान दे सकती हैं। हालांकि, विश्वविद्यालय प्रशासन और छात्रों को उनके आने की आधिकारिक पुष्टि का इंतजार है।
अब देखना यह होगा कि कोल्हान विश्वविद्यालय कब तक अपने स्थायी कुलपति का स्वागत कर पाता है और रुके हुए कार्य कितनी तेजी से पूरे होते हैं।
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