Home » Jharkhand Health News : रामगढ़ सदर अस्पताल में लापरवाही का बड़ा मामला: दर्द से कराहती महिला ने प्रसव कक्ष के बाहर दिया बच्चे को जन्म

Jharkhand Health News : रामगढ़ सदर अस्पताल में लापरवाही का बड़ा मामला: दर्द से कराहती महिला ने प्रसव कक्ष के बाहर दिया बच्चे को जन्म

by Rakesh Pandey
pregnant-woman-gave-birth-to-child-outside-the-delivery-room-in-ramgarh-sadar-hospital-jharkhand-
WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now
Instagram Follow Now

रामगढ़ : झारखंड के रामगढ़ सदर अस्पताल में एक बार फिर स्वास्थ्य व्यवस्था की गंभीर खामियां उजागर हुईं, जब एक गर्भवती महिला ने प्रसव कक्ष के बाहर, एक बिना बिछावन वाले बेड पर बच्चे को जन्म दिया। यह घटना गुरुवार को सामने आई, जब पतरातू प्रखंड के चैनगड्डा निवासी हरिलाल महतो अपनी पत्नी रुना देवी को प्रसव पीड़ा के कारण अस्पताल लेकर पहुंचे।

महिला लगभग 13 घंटे तक डॉक्टरों और अस्पताल कर्मियों से प्रसव कक्ष में भर्ती करने की गुहार लगाती रही, लेकिन उसे गंभीर स्थिति में भी बाहर ही रहने को मजबूर किया गया।
महिला को बार-बार डॉक्टरों और नर्सों से मदद की अपील करनी पड़ी, लेकिन उसे यह कहकर बाहर बैठने को कहा गया कि बड़ा ऑपरेशन हो सकता है। इसी दौरान रुना देवी को असहनीय पीड़ा होने लगी। अंदर प्रवेश करने का प्रयास करने पर न उसे और न ही साथ आई सहिया को प्रसव कक्ष में जाने दिया गया। अंततः महिला ने एक खाली पड़ी स्टील बेड, जिस पर कोई बिछावन नहीं था, पर स्वस्थ शिशु को जन्म दिया।

जनप्रतिनिधियों ने लिया मामले का संज्ञान, अस्पताल में तीखी बहस

घटना की सूचना मिलते ही रामगढ़ की विधायक ममता देवी अस्पताल पहुंचीं। उन्होंने अस्पताल प्रशासन से जवाब-तलब किया और व्यवस्था पर गंभीर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि यह अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है कि रामगढ़ सदर अस्पताल जैसे प्रमुख चिकित्सा केंद्र में प्रसव कक्ष में केवल तीन बेड ही उपलब्ध हैं।

अस्पताल प्रबंधन का दावा : ट्राइएज एरिया को सेफ जोन बताया

सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ. मृत्युंजय सिंह ने मामले को संभालने की कोशिश करते हुए कहा कि प्रसव ट्राइएज एरिया में कराया गया, जिसे सेफ जोन माना जाता है। वहीं महिला डॉक्टर कुसुम बाड़ा ने कहा कि महिला ने पूर्व के तीन ऑपरेशन की जानकारी नहीं दी थी, जिससे जटिलता बढ़ी।

महिला और परिजनों का आरोप : इलाज में लापरवाही, किसी ने नहीं की मदद

प्रसूता रुना देवी और उसके पति ने विधायक ममता देवी और अन्य जनप्रतिनिधियों के समक्ष बताया कि सुबह 4 बजे से शाम 5 बजे तक कोई डॉक्टर या नर्स उनकी पीड़ा पर ध्यान नहीं दे रहे थे। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि प्रसव के दौरान किसी प्रकार की सहायता नहीं मिली और स्थिति बिगड़ने पर ही अस्पताल कर्मियों ने उन्हें अंदर लिया।

जांच के आदेश, दोषियों पर होगी कार्रवाई

रामगढ़ की सिविल सर्जन डॉ. महालक्ष्मी प्रसाद ने कहा कि पूरे मामले की जांच की जाएगी और दोषियों पर सख्त कार्रवाई होगी। उन्होंने माना कि उन्हें मौके पर पहुंचने में देरी हुई।

रामगढ़ सदर अस्पताल लापरवाही की पुनरावृत्ति पर सरकार सख्त

विधायक ममता देवी ने कहा कि सरकार स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए प्रतिबद्ध है, लेकिन स्थानीय अस्पताल प्रबंधन बार-बार सरकार की छवि को धूमिल कर रहा है। उन्होंने कहा कि यदि अस्पताल में कोई कमी है, तो उसे जनप्रतिनिधियों और प्रशासन के संज्ञान में लाना चाहिए।

Read Also- Jharkhand News : देवघर में डॉक्टरों ने समाप्त की हड़ताल, आरोपी की गिरफ्तारी के बाद लिया गया फैसला

Related Articles