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मुंबई की महिला से 12.77 लाख रुपये की ठगी मामले का आरोपी झारखंड से Arrest

ठगी में शामिल थानेदार का भाई विवेक सिंह चकमा देकर फरार, दो बार पहले भी जा चुका है जेल, नारायणपुर थाना क्षेत्र के खरकोकुंडी व दक्षिणीडीह गांव में साइबर थाने की पुलिस ने की छापेमारी

by Rakesh Pandey
Deoghar Cyber Thag
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जामताड़ा : मुंबई की रहने वाली एक महिला से 12.77 लाख रुपये की ठगी के मामले जामताड़ा साइबर थाने की पुलिस ने छापेमारी के दौरान एक साइबर अपराधी को दबोचा है। मुंबई की ही रहने वाली महिला रीता सिन्हा ने इस मामले में मुंबई के खारघर थाने में इस मामले में दक्षिणीडीह के विवेक कुमार सिंह और शहाबुद्दीन अंसारी को आरोपी बनाया है। छापेमारी के दौरान शहाबुद्दीन अंसारी तो पुलिस के हत्थे चढ़ गया, लेकिन विवेक कुमार पुलिस को चकमा देकर मौके से फरार हो गया।

विश्वस्त सूत्रों अनुसार विवेक सिंह का एक भाई किसी थाने में थानेदार है। विवेक के खिलाफ इससे पहले भी दो बार जामताड़ा साइबर थाने में ठगी का मामला दर्ज हो चुका है और वह जेल की सजा भी भुगत चुका है। जबकि इसी छापेमारी के दौरान पुलिस टीम ने मंगलवार की देर शाम नारायणपुर थाना क्षेत्र के खरकोकुंडी गांव से एक अन्य ठगी के आरोपी सुनील रजक को गिरफ्तार किया है। शहाबुद्दीन व सुनील के खिलाफ केस दर्ज करने के बाद उन्हें जेल भेज दिया गया है। जबकि मामले के फरार चल रहे आरोपी विवेक की गिरफ्तारी के लिए पुलिस टीम छापेमारी कर रही है।
इस बात की जानकारी बुधवार देर शाम प्रेस कांफ्रेंस के दौरान जामताड़ा एसडीपीओ विकास आनंद लागुरी ने दी। उन्होंने बताया कि छापेमारी के दौरान आरोपियों के पास से 13 मोबाइल, 16 सिम कार्ड, दो एटीएम कार्ड, एक पैन कार्ड, एक आधार कार्ड, एक वोटर कार्ड, 45,000 रुपये कैश व एक बाइक जब्त हुई है।

पुलिस से बचने को धान के खेतों में मोबाइल फेंक कर भागने लगे अपराधी

पुलिस सूत्रों के अनुसार छापेमारी के दौरान शाहबुद्दीन व विवेक एक सुनसान ठिकाने पर बैठक साइबर ठगी कर रहे थे। जैसे ही पुलिस की दबिश हुई तो दोनों ने दौड़कर भागने का प्रयास किया। इस दौरान शहाबुद्दीन तो पुलिस के हत्थे चढ़ गया, लेकिन विवेक ने धान के खेतों की ओर दौड़ लगानी शुरू कर दी। इस दौरान वह अपने पास के मोबाइल फोन को भी धान के खेतों में फेंकता हुआ भागा। बाद में पुलिस टीम के जवानों इन मोबाइलों को तलाश कर इकट्ठा किया।

सुनील व विवेक हैं पुराने पेशेवर साइबर ठग

पुलिस की गिरफ्त में आया सुनील और फरार चल रहा विवेक दोनों ही पेशेवर साइबर ठग हैं। ये शातिर एक्सिस बैंक के खाता धारकों को डेबिट व क्रेडिट कार्ड बंद होने के नाम पर बैंक अधिकारी बन झांसे में लेते थे और उन्हें ठगी का शिकार बना रहे थे। इनके पास से एक्सिस बैंक के खाताधारकों की लंबी-चौड़ी लिस्ट भी बरामद हुई है। सुनील के खिलाफ 24 अगस्त 2017 में नारायणपुर थाने में केस दर्ज किया गया था। जबकि विवेक सिंह के खिलाफ 19 दिसंबर 2021 और चार नवंबर 2022 को जामताड़ा साइबर थाने में केस दर्ज किया जा चुका है। दोनों ही साइबर अपराध के मामले में जेल की सजा भुगत चुके हैं। जेल से निकलते ही दोनों दोबारा से साइबर ठगी के मामले में संलिप्त हो जाते हैं।

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