

Ranchi : झारखंड की सियासत में हलचल मचाने वाली एक बड़ी खबर सामने आई है। पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन को आज सुबह उनके रांची स्थित आवास पर हाउस अरेस्ट कर लिया गया है। यह कार्रवाई सदर डीएसपी की अगुवाई में की गई। बताया जा रहा है कि चंपाई सोरेन आज रविवार को नगड़ी में चल रहे रिम्स-2 जमीन विवाद को लेकर हल चलाने और प्रदर्शन में शामिल होने वाले थे, लेकिन उससे पहले ही उन्हें घर में नजरबंद कर दिया गया। इसके अलावा, उनके बेटे बाबूलाल सोरेन को भी पुलिस ने डिटेन कर लिया है। बाबूलाल सोरेन भी इसी प्रदर्शन में भाग लेने रांची जा रहे थे। बाबूलाल सोरेन को तमाड़ में डिटेन किया गया।

बाबूलाल ने नहीं जाने दिया जा रहा घर, पुलिस से हुई तूतू मैंमैं
बाबूलाल सोरेन ने बताया कि वह रांची की तरफ जा रहे थे। तमाड़ में पुलिस ने रोक लिया और पूछा कि उनका नाम क्या है। बाबूलाल सोरेन ने अपना नाम बताया। बाबूलाल ने पत्रकारों को बताया कि इसके बाद पुलिस ने गाड़ी साइड लगाने को कहा। बाद में थाने चलने को कहा। बाबूलाल सोरेन ने बताया कि कुछ दिन पहले सूर्या हांसदा का एनकाउंटर हो गया है। इसलिए वह थाने नहीं जाएंगे। बाबूलाल सोरेन ने कहा कि वह पूर्व सीएम व झारखंड आंदोलनकारी चंपई सोरेन के पुत्र हैं। क्या उन्हें रांची जाने का अधिकार नहीं है। उन्होंने क्या जुर्म किया है कि पुलिस उन्हें थाने ले जा रही है। बाबूलाल सोरेन ने कहा कि नगड़ी में प्रशासन ने निषेधाज्ञा लगाई है। तमाड़ में तो ऐसा नहीं है। बाबूलाल सोरेन ने थाना प्रभारी से कहा कि अब वह रांची नहीं जाएंगे। अब उन्हें घर वापस जाने दिया जाए।। बाबूलाल सोरेन ने बताया कि थाना प्रभारी ने कहा कि अभी कहीं नहीं जाने दिया जाएगा। बाबूलाल ने सरकार पर सवाल उठाया कि झामुमो सरकार कैसे चल रही है कि किसी को कहीं जाने नहीं दिया जा रहा है।


नगड़ी की तरफ जाने वालों को रोका जा रहा है। एमयू कैंपस के पास, कांके चौक् से पहले समेत अन्य इलाकों में बैरीकेडिंग कर दी गई है।

चंपाई सोरेन बोले – “मूलवासी किसानों की आवाज दबाई जा रही है” चंपाई सोरेन ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ (पूर्व में ट्विटर) पर जानकारी साझा करते हुए लिखा, “नगड़ी के आदिवासी/मूलवासी किसानों की आवाज उठाने से रोकने के लिए झारखंड सरकार ने आज सुबह से मुझे हाउस अरेस्ट कर लिया है।” बताया जा रहा है कि हजारों की संख्या में स्थानीय ग्रामीण और आदिवासी प्रदर्शन के लिए नगड़ी में जुटने वाले थे। लेकिन सरकार और प्रशासन ने किसी भी संभावित अशांति से बचने के लिए सख्त रुख अपनाया है।
अन्य नेताओं को भी रोका गया, पुलिस बल तैनात
चंपाई सोरेन के अलावा कई अन्य राजनीतिक नेताओं और सामाजिक कार्यकर्ताओं को भी रिम्स-2 जमीन विवाद स्थल पर जाने से रोका जा रहा है। प्रशासन ने इलाके में भारी संख्या में पुलिस बल की तैनाती कर दी है ताकि किसी भी प्रकार की अवांछनीय स्थिति से निपटा जा सके।
जमीन विवाद बना गरम मुद्दा
नगड़ी का रिम्स-2 भूमि विवाद झारखंड में एक राजनीतिक और सामाजिक मुद्दा बन चुका है। आदिवासी और मूलवासी समुदायों का दावा है कि यह ज़मीन उनकी पारंपरिक भूमि है, जिस पर जबरन कब्ज़ा किया जा रहा है। इस मुद्दे को लेकर लगातार आंदोलन और प्रदर्शन हो रहे हैं। गौरतलब है कि नगड़ी में 227 एकड़ जमीन पर रिम्स टू का निर्माण होना है। यहां के किसानों का कहना है कि वह अपनी जमीन नहीं देंगे। किसान इसका विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि वह इस जमीन पर खेती करते हैं। पूर्व सीएम भाजपा नेता चंपई सोरेन यहां रविवार को हल चला कर विरोध प्रदर्शन करने वाले थे।
