जमशेदपुर : भारत सरकार ने सभी क्षेत्रों में रोजगार सृजन, रोजगार क्षमता और सामाजिक सुरक्षा को प्रोत्साहित करने के लिए ईएलआई (इम्प्लायमेंट लिंक्ड इंसेंटिव) लॉन्च किया है, जिसके तहत नई नौकरी देने वाले नियोक्ता भी ‘मालामाल’ होंगे। क्षेत्रीय भविष्य निधि आयुक्त, जमशेदपुर उपेन्द्र प्रताप सिंह ने द फोटोन न्यूज को बताया कि इस भाग में सभी क्षेत्रों में अतिरिक्त रोजगार सृजन को शामिल किया गया है, जिसमें विनिर्माण क्षेत्र पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
नियोक्ताओं को 1 लाख रुपये तक के वेतन वाले कर्मचारियों को नौकरी देने पर प्रोत्साहन मिलेगा। सरकार नियोक्ताओं को कम से कम छह महीने तक निरंतर रोजगार वाले प्रत्येक अतिरिक्त कर्मचारी के लिए दो साल तक 3000 रुपये प्रतिमाह तक का प्रोत्साहन देगी। विनिर्माण क्षेत्र (मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर) के लिए प्रोत्साहन तीसरे और चौथे वर्ष तक भी बढ़ाया जाएगा। वैसे फिलहाल यह योजना दो वर्ष के लिए प्रभावी है।
क्षेत्रीय भविष्य निधि आयुक्त ने बताया कि कोल्हान प्रमंडल में लगभग 4500 कंपनियां-प्रतिष्ठान पीएफ विभाग से निबंधित हैं। इसके दायरे में ये सभी संस्थान-प्रतिष्ठान आएंगी।
ईपीएफओ से पंजीकृत तिष्ठानों को कम से कम छह महीने के लिए निरंतर आधार पर कम से कम दो अतिरिक्त कर्मचारी (50 से कम कर्मचारियों वाले नियोक्ताओं के लिए) या पांच अतिरिक्त कर्मचारी (50 या अधिक कर्मचारियों वाले नियोक्ताओं के लिए) नियुक्त करने की आवश्यकता होगी।
पहली नौकरी का पहला वेतन अतिरिक्त देगी सरकार
क्षेत्रीय भविष्य निधि आयुक्त उपेन्द्र प्रताप सिंह ने बताया कि पहली नौकरी पर जाने वाले को सरकार पहला वेतन अतिरिक्त देगी, लेकिन यह राशि 15,000 रुपये तक होगी। इस तरह की योजना सरकार पहले भी अलग-अलग नाम से ला चुकी है। ऐसा देखा गया गया है कि इस योजना से रोजगार सृजन दर में उल्लेखनीय वृद्धि होती है। एक महीने का ईपीएफ वेतन 15,000 रुपये तक दो किस्तों में दिया जाएगा। इसके लिए 1
लाख रुपये तक के वेतन वाले कर्मचारी पात्र होंगे। बचत की आदत को प्रोत्साहित करने के लिए, प्रोत्साहन राशि का एक हिस्सा एक निश्चित अवधि के लिए जमा खाते के बचत साधन में रखा जाएगा, जिसे कर्मचारी बाद में निकाल सकता है।
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