पटना : बिहार की राजधानी पटना के नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल (NMCH) में एक सनसनीखेज मामला सामने आया है, जिसमें एक मृतक के शव से उसकी एक आंख गायब मिली। यह घटना अस्पताल प्रशासन और पुलिस विभाग दोनों के लिए चिंता का विषय बन गई है। मृतक के परिजनों ने जब शव देखा तो पाया कि युवक की एक आंख गायब है, जबकि उस बेड पर एक धारदार ब्लेड भी पड़ा हुआ था। इस मामले ने अस्पताल प्रशासन और पुलिस विभाग को हड़कंप में डाल दिया है और मामले की जांच शुरू कर दी गई है।
घटनास्थल और मृतक की पहचान
मृतक की पहचान नालंदा जिले के चिकसौरा थाना क्षेत्र के हुरारी गांव निवासी 25 वर्षीय फंटूस के रूप में की गई है। परिजनों के मुताबिक, फंटूस को अपराधियों ने गोली मारकर घायल कर दिया था, जिसके बाद उसे गंभीर हालत में नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उपचार के दौरान युवक की मौत हो गई। लेकिन जब परिजन शव को देखने अस्पताल पहुंचे, तो उन्होंने पाया कि मृतक की एक आंख गायब है। यह देखकर परिजनों में हड़कंप मच गया और उन्होंने तुरंत इस बारे में अस्पताल प्रशासन से सवाल पूछे।
इसके बाद, घटनास्थल से कुछ अन्य संदिग्ध चीजें भी बरामद की गईं, जिनमें एक धारदार ब्लेड शामिल था, जो शव के पास ही पड़ा हुआ था। यह सब देखकर परिजनों ने संदेह जताया कि मृतक की आंख जानबूझकर निकाली गई है।
प्रशासन और पुलिस की प्रतिक्रिया
घटना की सूचना मिलने पर पुलिस विभाग और अस्पताल प्रशासन में हड़कंप मच गया। पटना पुलिस के एएसपी अतुलेश कुमार झा ने इस मामले की गंभीरता को स्वीकार करते हुए कहा कि इस घटना की पूरी जांच की जा रही है। उन्होंने बताया कि मृतक को नालंदा से पटना रेफर किया गया था और अस्पताल में इलाज चल रहा था। इस दौरान युवक की मौत हो गई, लेकिन शव के साथ हुई यह घटना असमंजस पैदा कर रही है।
एएसपी अतुलेश कुमार झा ने बताया कि मृतक की एक आंख गायब है। हमने अस्पताल का सीसीटीवी फुटेज भी खंगालना शुरू कर दिया है। इस मामले की गहन जांच की जा रही है और दोषी पाए जाने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। अस्पताल प्रशासन ने भी इस घटना की पुष्टि की है कि मृतक के शव से एक आंख गायब थी, लेकिन इस मामले में और अधिक जानकारी देने से मना कर दिया। पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज की जांच शुरू कर दी है, जिससे यह पता चल सके कि आखिरकार मृतक की आंख किसने और कैसे निकाली।
अस्पताल प्रशासन पर उठ रहे सवाल
यह घटना न केवल पटना बल्कि पूरे बिहार में चर्चा का विषय बन गई है। कई लोगों ने अस्पताल प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हैं और आरोप लगाया है कि ऐसी घटनाएं तब होती हैं जब अस्पताल में निगरानी का स्तर कमजोर होता है। कुछ लोगों का कहना है कि यह घटना मेडिकल कदाचार और अंगों के अवैध प्रत्यर्पण की ओर इशारा कर सकती है, जो बहुत ही गंभीर मामला है।
इस घटना के बाद, नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल की सुरक्षा व्यवस्था और कर्तव्यों पर भी सवाल उठ रहे हैं। सवाल यह भी है कि क्या अस्पताल में इतनी गंभीर घटनाओं से निपटने के लिए पर्याप्त निगरानी तंत्र है, और क्या वहां के स्टाफ को मरीजों की सुरक्षा के लिए जरूरी प्रशिक्षण और सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है।