रांची : प्राइवेट हॉस्पिटलों की मनमानी कम होने का नाम ही नहीं ले रही है। स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी के आदेश के बावजूद बिल के लिए पारस हॉस्पिटल ने एक शव को रोक दिया। सुबह से लेकर शाम तक परिजन शव देने की गुहार लगाते रहे। लेकिन, प्रबंधन ने शव देने से इनकार कर दिया। प्रबंधन का कहना था कि बकाया बिल का भुगतान किए बिना वे शव नहीं देंगे।
कल हुई थी दुर्घटना
इस बीच मृतक के परिजन सुनील सिंह ने बताया कि रविवार को पवन सिंह अपने दोस्तों के साथ बाइक से जा रहा था। इस दौरान उनकी बाइक दुर्घटनाग्रस्त हो गई। तीनों घायलों को एंबुलेंस की मदद से रांची भेजा गया। एंबुलेंस वाले ने तीनों को पारस हॉस्पिटल में एडमिट करा दिया।
जहां दो अन्य घायलों के परिजनों से 70-70 हजार जमा कराया गया। वहीं पवन के परिजनों ने भी 30 हजार जमा कराया। इसके बाद सुबह परिजनों को बताया गया कि पवन की मौत हो गई। साथ ही 1 लाख 40 हजार का बिल भरने को कहा गया। परिजनों ने इसमें असमर्थता जताई। किसी तरह परिजनों ने 10 हजार रुपये और जमा कराया। लेकिन, स्टाफ मानने को तैयार नहीं थे। देर रात तक परिजनों को शव नहीं सौंपा गया।
इस मामले में पारस हॉस्पिटल के पीआरओ मानस कुमार ने बताया कि ऐसा कोई मामला मेरी जानकारी में नहीं है। हो सकता है बॉडी रिलीज करने की प्रक्रिया में समय लग रहा हो। चूंकि हॉस्पिटल मैनेजमेंट की ओर से स्पष्ट निर्देश दिया गया है कि डेड बॉडी को किसी भी हाल में नहीं रोकना है।
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