इंफाल : मणिपुर के बिष्णुपुर जिले के फौगाकचाओ इखाई में सुरक्षा बैरियर को तोड़ने की कोशिश कर रहे प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए सुरक्षा बलों ने आंसू गैस के गोले दागे जिससे 40 से अधिक व्यक्ति घायल हो गये, जिनमें ज्यादातर महिलाएं थीं।
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि घायलों को इलाज के लिए बिष्णुपुर जिला अस्पताल और मोइरांग सार्वजनिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया है। उन्होंने बताया कि कर्फ्यू का उल्लंघन करते हुए बिष्णुपुर जिले के ओइनम में सैकड़ों स्थानीय लोग अपने घरों से बाहर आ गये और पुलिस और अन्य केंद्रीय बलों के उन जवानों की आवाजाही रोकने के लिए दोपहर करीब ढाई बजे सड़क के बीच में बैठ गए, जो इंफाल से फौगाकचाओ इखाई जा रहे थे।
बैरिकेडिंग तोड़ने के बाद पुलिस ने की कार्रवाई :
अधिकारियों ने बताया कि पूर्वाह्न करीब 11.40 बजे, फौगाकचाओ इखाई जा रहे प्रदर्शनकारियों को राज्य पुलिस बलों ने रोक दिया, जिन्होंने लगभग 2 किलोमीटर दूर क्वाक्टा में बैरिकेड लगाया था। उन्होंने बताया कि हालांकि पुलिस ने आंसू गैस के कुछ गोले दागे, लेकिन प्रदर्शनकारियों ने बैरिकेड तोड़ दिया और फौगाकचाओ इखाई की ओर बढ़ गये।
उन्होंने बताया कि इस हंगामे में कोई घायल नहीं हुआ है। को-आर्डिनेटिंग कमेटी ऑन मणिपुर इंटीग्रिटी (सीओसीओएमआई) के फौगाकचाओ इखाई में सेना के बैरिकेड तोड़ने के आह्वान पर, लोग बिष्णुपुर जिले में एकत्रित हुए थे और मांग कर रहे थे कि उन्हें चुराचांदपुर की ओर धकेल दिया जाये।
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संगठनों के नेताओं ने कहा- लोगों को अपने घर जाने से रोका जा रहा :
अपुनबा मणिपुर कनबा इमा लुप (एएमकेआईएल) के अध्यक्ष लौरेम्बम नगनबी ने कहा कि तीन मई को हिंसा भड़कने के बाद तोरबुंग में अपने घरों को छोड़ने वाले सैकड़ों मैइती बैरिकेड के कारण अपने घरों में नहीं जा पाये। हम सिर्फ यह मांग कर रहे हैं कि वे स्थानांतरित किये जाये ताकि लोग अपने घर जा सकें। सीओसीओएमआई ने लोगों से बैरिकेड पर धावा बोलने का आह्वान किया था क्योंकि सरकार ने 30 अगस्त तक बैरिकेड हटाने संबंधी उनके अनुरोध पर ध्यान नहीं दिया गया।
राज्य सरकार ने मंगलवार को कानून-व्यवस्था के उल्लंघन की आशंका में घाटी के पांच जिलों में अगले आदेश तक पूर्ण कर्फ्यू लगा दिया था।