रामगढ़ : रामगढ़ जिले के गोबरदहा गांव में प्रस्तावित वाटर ट्रीटमेंट प्लांट को लेकर ग्रामीणों का विरोध लगातार जारी है। गुरुवार को जब प्रशासनिक अधिकारियों की एक टीम पुलिस फोर्स और मशीनों के साथ साइट पर पहुंची, तो गांववासियों ने एक बार फिर इस परियोजना को शुरू करने से मना कर दिया।
वाटर ट्रीटमेंट प्लांट का उद्देश्य
गोबरदहा गांव में करोड़ों रुपए की लागत से वाटर ट्रीटमेंट प्लांट का निर्माण किया जाना है। इस प्लांट का उद्देश्य पतरातु डेम से पानी लाकर उसे फिल्टर करना है, जिसके बाद रामगढ़ नगर परिषद और छावनी परिषद क्षेत्र के घरों में पानी सप्लाई किया जाएगा। हालांकि, इस प्रोजेक्ट को लेकर ग्रामीणों का कहना है कि गंदे पानी को फिल्टर करने के दौरान आसपास के इलाके में गंदगी फैल सकती है, जिससे गांव का वातावरण प्रदूषित हो जाएगा।
अंचल अधिकारी ने किया समझाने का प्रयास
मौके पर पहुंचे रामगढ़ अंचल अधिकारी सुदीप एक्का ने ग्रामीणों से कई बार चर्चा की और उन्हें इस परियोजना के फायदे समझाने की कोशिश की। उन्होंने यह भी कहा कि इस कार्य को शुरू करने के लिए उनकी सहमति बहुत जरूरी है। बावजूद इसके, ग्रामीणों ने अंचल अधिकारी से 48 घंटे का समय मांगा। अंचल अधिकारी ने इस पर सहमति दी और बताया कि ग्रामीण अपनी आपसी बैठक में इस मुद्दे पर चर्चा करेंगे और निर्णय जिला प्रशासन के समक्ष प्रस्तुत करेंगे। इसके बाद जिला प्रशासन आगे की कार्रवाई करेगा।
प्रोजेक्ट की कुल लागत व लाभ
गोबरदहा गांव में वाटर ट्रीटमेंट प्लांट के लिए 4.9 एकड़ जमीन चिन्हित की गई है, जहां से 23 एमएलडी पानी को फिल्टर करके सप्लाई किया जाएगा। यह परियोजना रामगढ़ छावनी परिषद क्षेत्र के 45,000 घरों और नगर परिषद क्षेत्र के 24,000 घरों को पानी पहुंचाने का लक्ष्य रखती है। इस पूरी परियोजना की लागत लगभग 205 करोड़ रुपए है, लेकिन अब तक ग्रामीणों की सहमति नहीं मिलने के कारण कार्य शुरू नहीं हो पाया है।