रांची : झारखंड का रांची नगर निगम लोगों को बेसिक सुविधाएं उपलब्ध कराने का दावा करता है। इसके लिए करोड़ों रुपये खर्च भी किए जाते हैं। लेकिन, लोगों की समस्याएं जस की तस बनी हुई हैं। इसके लिए वे नगर निगम का चक्कर लगा रहे हैं। फिर भी समस्याओं का समाधान नहीं हो पा रहा। अब लोग अपने-अपने वार्डो में पूर्व पार्षदों के पास समस्याएं लेकर पहुंच रहे हैं, ताकि समस्याओं का समाधान हो सके। हालांकि पूर्व पार्षदों की भी निगम में सुनवाई नहीं हो रही है। चूंकि उनका कार्यकाल खत्म हो चुका है और सरकार निकाय चुनाव नहीं करा रही है। इतना ही नहीं निकाय चुनाव नहीं होने के कारण केंद्र की योजनाएं भी अटकी हैं, जबकि इससे नगर निगम को बड़ी राशि मिलती है।
हर दिन 30-40 लोग आते हैं आवास पर
सुबह से रात तक पूर्व पार्षदों के आवास पर भीड़ लगी रहती है। लोग अपनी समस्या लेकर उनके पास आ रहे हैं, जिसमें रोड, नाली, पानी, स्ट्रीट लाइट, गंदगी जैसी मुख्य समस्याएं शामिल हैं। इसके अलावा आधार कार्ड, राशन कार्ड, जाति प्रमाण पत्र, आवासीय प्रमाण पत्र, आयुष्मान कार्ड की समस्या भी लेकर लोग पूर्व पार्षदों के पास गुहार लगा रहे हैं। लेकिन पद पर नहीं रहने के कारण उनके हाथ भी बंधे हुए हैं। वे बस लोगों को रास्ता बता रहे हैं।
योजनाओं पर नहीं हुआ काम
वार्डों को लेकर कई योजनाएं बनी थीं। एक दर्जन से ज्यादा 50-50 लाख की योजनाएं भी लेकर पूर्व पार्षद आए थे, जिससे कि वार्ड में नाली और रोड को बनाया जा सके। लेकिन, प्रतिनिधियों के नहीं रहने से निगम भी सुस्त रवैया अपनाए हुए है। 1 से 2 बार टेंडर निकालने के बाद निगम के अधिकारी भी सो रहे हैं। लेकिन, इसका खामियाजा आम जनता भुगत रही है। वहीं नई योजनाओं को लेकर भी कोई काम नहीं हो पा रहा है।
आज भी वार्ड के लोग अपनी समस्याएं लेकर हमारे पास आ रहे हैं। चूंकि उन्हें जानकारी नहीं है कि निगम में कैसे शिकायत करें। अपने आवेदन भी लेकर हमारे पास आते है। पहले हम लोगों की समस्याएं अधिकारियों तक पहुंचा देते थे। अब तो हमारा कार्यकाल खत्म हो गया है। चुनाव भी नहीं हो रहे है। जिससे वार्ड में विकास कार्य भी बाधित हुआ है।
अर्जुन यादव, पूर्व पार्षद
पहले लोग जैसे अपनी समस्या और शिकायतें लेकर आते थे आज भी आ रहे है। हमलोग इसकी सूची बनाकर नगर निगम में अधिकारियों के पास पहुंचा देते है। पहले हमारी बातें सुनी जाती थीं। लोगों को भी भरोसा था कि आज नहीं कल समस्या दूर हो जाएगी। लेकिन, आज तो हमारी ही बात नहीं सुनी जाती है निगम में। आखिर सरकार को चुनाव कराने में क्या परेशानी है। इसकी वजह से आम जनता परेशानी का सामना कर रही है।
मो. एहतेशाम, पूर्व पार्षद