राजेश्वर पांडेय, चाईबासा : झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम जिले में नोवामुंडी प्रखंड के जेटेया थाना क्षेत्र के शुकरपाड़ा गांव में एक 1 साल 3 महीने की बच्ची एक दुर्लभ और गंभीर बीमारी से जूझ रही है। बच्ची का सिर उसके शरीर की तुलना में असामान्य रूप से बड़ा होता जा रहा है, जिससे उसके जीवन पर गहरा संकट मंडरा रहा है। सामाजिक कार्यकर्ता प्रमिला पात्रो जब इस सूचना के बाद गांव पहुंचीं, तो उन्होंने पाया कि बच्ची के पिता शारदा केराई दैनिक मजदूर हैं और उनकी पिता जर्मन केराई गंभीर रूप से बीमार हैं।

उनके हाथ में पुराना घाव और पैरों में सूजन है, जो लंबे समय से ठीक नहीं हो पा रहा। परिवार ने बताया कि वे एक बार इलाज के लिए बाहर गए थे, लेकिन उन्हें 15,000 रुपये का खर्च बताया गया, जो उनकी आर्थिक स्थिति से बाहर था। पैसे की कमी और जागरूकता के अभाव में उन्होंने बच्ची का इलाज झाड़-फूंक और पुजारी के पूजा-पाठ के जरिए शुरू करा दिया। गांव जंगलों के बीच में है, जहां पहुंचना मुश्किल है।
आज भी कोई सरकारी सुविधा नहीं पहुंची है। गांव के लोग न तो हिंदी बोलते हैं, ना ओड़िया, जिससे संवाद और सरकारी योजनाओं की जानकारी पहुंचने में कठिनाई होती है। सामाजिक कार्यकर्ता प्रमिला पात्रो ने प्रशासन से आग्रह किया है कि इस मामले को गंभीरता से लिया जाए और बच्ची को तुरंत मेडिकल सहायता उपलब्ध कराई जाए। इसके साथ ही ऐसे दूरदराज के गांवों में स्वास्थ्य जागरूकता, सरकारी योजनाओं की जानकारी और चिकित्सा सुविधा पहुंचाई जाए।