सेंट्रल डेस्क : दुनिया के सबसे भ्रष्ट देशों का मुद्दा फिर उठा है और इसपर चर्चाएं गर्म हो रही हैं। दुनिया में फैले विभिन्न देशों में भ्रष्टाचार के स्तर को लेकर वार्षिक रिपोर्ट जारी करने का काम अंतरराष्ट्रीय भ्रष्टाचार विरोधी संगठन ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल का है। सूचकांक में 180 देशों और क्षेत्रों की रैंकिंग की गई है। 180 देशों की इस लिस्ट में पाकिस्तान 140वें स्थान पर है। अगर रिपोर्ट की माने तो पिछले साल के मुकाबले वहां के हालत में कोई सुधार नहीं हुआ है।
देश की ऐसी रैंकिंग बताती है की नेताओं ने भ्रष्टाचार निरोधी प्रयासों की अनदेखी की है। भारत, जिसे एक अवसर के रूप में माना जाता है, कौन कौन से देशों के साथ इस सूची में शामिल है? कैसे जारी होती है भ्रष्ट देशों की लिस्ट? आज हम इन प्रश्नों का जवाब देंगे और दुनिया के सबसे भ्रष्ट देशों के साथ भारत का स्थान जानेंगे।
भ्रष्टता का मापदंड
भ्रष्टता का मापदंड विश्व सूचकांक (Corruption Perception Index) नामक एक अंतर्राष्ट्रीय मानक के माध्यम से किया जाता है, जिसे गैर सरकारी संगठन ‘ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल’ द्वारा प्रकाशित किया जाता है। यह सूचकांक भ्रष्टता कि स्तर को 0 से 100 के बीच एक स्केल पर मापता है, जहां 0 भ्रष्टाता के अत्यधिक स्टार को और 100 उत्कृष्ट स्तर को दर्ज करता है।
भारत का स्थान
2023 में जारी हुए डेटा के आधार पर, भारत का स्थान विश्व की भ्रष्टता सूचकांक में 85 देशों के साथ सटीक निरूपित नहीं किया जा सकता क्योंकि इस वर्ष में केवल 180 देशों का मूल्यांकन हुआ है। हालांकि, पिछले सालों में भारत का स्थान विभिन्न तरीकों से बदलता रहा है। 2022 में, भारत का स्थान विश्व भ्रष्ट सूचकांक में 82 वां था, जिसका मतलब है कि इसमें सुधार हुआ हो सकता है।
दुनिया के सबसे भ्रष्ट देश कौन कौन से हैं
वर्ष 2022 के सूचकांक के मुताबिक डेनमार्क में सबसे कम भ्रष्टाचार देखा गया है, जबकि सोमालिया भ्रष्टाचार के मामले में अंतिम स्थान पर है। सोमालिया 12 अंकों के साथ सबसे नीचे रहा वहीं दक्षिण सूडान 13 अंक के साथ अंतिम स्थान से एक पहले सीरिया के साथ बराबरी पर रहा। पूर्वी यूरोप में भ्रष्टाचार अभी भी बड़े पैमाने पर देखा का रहा है।
भ्रष्टता की सूची
सूचकांक की सूची में सबसे ऊपर की देश वहां होते हैं जो भ्रष्टता के स्तर पर कमी दर्ज करते हैं। इस सूची के शीर्ष पर स्थित देश विश्व में सबसे ईमानदार और कम भ्रष्ट देश के रूप में माने जाते हैं। ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल के अध्ययन के अनुसार के अधिकतर देश भ्रष्टाचार से लड़ने में सफल रहे हैं। वहीं 95% देशों ने 2017 के बाद बहुत कम या कोई प्रगति नहीं को है।
ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल की अध्यक्ष डेलिया फरेरा रूबियो ने कहा- “भ्रष्टाचार ने हमारी दुनिया को एक खतरनाक जगह बना दिया हैं।“ उन्होंने आगे कहा- ‘ देशों के लिए एकमात्र रास्ता कड़ी मेहनत कर सभी स्तर पर भ्रष्टाचार को खत्म करना है।’
कैसे तैयार होती है सूची
विश्व भ्रष्टता सूचकांक की तैयारी में गैर सरकारी संगठन ट्रांसपैरेंसी इंटरनेशनल विभिन्न स्रोतों से डेटा एकत्र करता है। इसमें सरकारी और गैर सरकारी संगठनों के प्रतिष्ठिता अनुसंधान और भ्रष्टता की रिपोर्टों का आधार लिया जाता है। वे इसके बाद इस डेटा का संग्रहण और विश्लेषण करते हैं ताकि वे दुनिया के विभिन्न देशों के बीच में भ्रष्टता को माप सकें।
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सुधारने के प्रयास
सुधार का मौका सबको मिलता है और जब बात देश के भ्रष्टाचार की आती है तो बहुत से नियम सामने आते हैं। भ्रष्टता के खिलाफ़ संघर्ष में विभिन्न सरकारें और संगठन गैर सरकारी संगठनों के साथ मिलकर कई तरह के पहल कर रही है।
सरकारी दफ्तरों में आंतरिक सुधार और लोगों को भ्रष्टाचार के खिलाफ़ जागरूक करने के अभियान में भाग लेने का प्रोत्साहित करने के कई कदम उठाए जा रहे हैं।