पलामू, झारखंड : पलामू के 79 आदिवासी परिवारों की जीवनशैली में एक ऐतिहासिक बदलाव आया है। इन परिवारों को अब तक विभिन्न कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा था, जैसे पानी, शिक्षा और इलाज के लिए 20 से 25 किलोमीटर तक पैदल यात्रा करना। अब, इन परिवारों को शहर के नजदीक सुरक्षित और सुविधाजनक आवास प्रदान किया गया है, जिससे उनकी जिंदगी में नया मोड़ आया है।
पलामू टाइगर रिजर्व के कोर एरिया से गांव का स्थानांतरण
इन 79 आदिवासी परिवारों को झारखंड के पलामू टाइगर रिजर्व के कोर एरिया में स्थित कुजरूम और जयगिर गांव से पलामू जिले के सतबरवा प्रखंड के पोलपोल गांव में बसाया गया है। यह झारखंड के इतिहास में पहली बार हुआ है कि दो गांवों को किसी दूसरे जिले में स्थानांतरित किया गया है।
सरकार ने वन्य जीवों की सुरक्षा के मद्देनजर पलामू टाइगर रिजर्व के कोर एरिया में बसे एक दर्जन गांवों को दूसरी जगह बसाने की योजना बनाई है। इस पहल के तहत कुजरूम और जयगिर गांवों को पहले स्थानांतरित किया गया है।
आदिवासी परिवारों के जीवन में बदलाव
पोलपोल में बसने के बाद आदिवासी परिवारों को कई सुविधाएं प्राप्त हुई हैं। पहले, ये परिवार जंगलों में रहते हुए मूलभूत सुविधाओं से वंचित थे। स्वास्थ्य केंद्र और स्कूल दूर होने के कारण, इन परिवारों को इलाज और शिक्षा के लिए कई किलोमीटर पैदल यात्रा करनी पड़ती थी।
अर्जुन लोहरा, एक ग्रामीण, बताते हैं, ‘हम लोग पहाड़ पर रहते थे, और बीमार होने के बाद बहुत मुश्किल होती थी। खाट पर किसी को ले जाना पड़ता था। अब, हमें इलाज और शिक्षा दोनों के लिए आस-पास की सुविधाएं मिल रही हैं’।
पुनिया देवी, एक और ग्रामीण, ने कहा, ‘पोलपोल में बसने के बाद पानी, बिजली और सड़क जैसी सुविधाएं मिल गई हैं। अब हमें किसी भी चीज़ के लिए दूर-दूर तक नहीं जाना पड़ता’।
स्वास्थ्य, शिक्षा और अन्य सुविधाओं की व्यवस्था
सरकार ने इन ग्रामीणों को पोलपोल गांव में आवास, बिजली, सड़क जैसी सुविधाएं प्रदान की हैं। इसके अलावा, बच्चों के लिए नजदीकी स्कूलों में नामांकन की व्यवस्था की गई है। पलामू टाइगर रिजर्व के उपनिदेशक कुमार आशीष ने कहा, “ग्रामीणों को पूरी तरह से विश्वास में लिया गया है। हमने उन्हें सरकार द्वारा मिलने वाली सुविधाओं के बारे में विस्तार से बताया और कई रातें गांव में गुजारीं ताकि वे आत्मविश्वास महसूस करें।”
जमीन और सरकारी दस्तावेज़ों का प्रबंध
इन आदिवासी परिवारों को सरकार की ओर से आवास के साथ-साथ भूमि भी प्रदान की जा रही है। इसके अलावा, पलामू जिले में उनका आधार कार्ड और वोटर आईडी भी बनवाया जा रहा है। राज्य सरकार के मुख्य सचिव ने पोलपोल गांव का दौरा किया था और इस प्रोजेक्ट को सफल बनाने के लिए विभिन्न पहलुओं का निरीक्षण किया था।
अधिकारियों की मेहनत से ग्रामीणों को मिली सहमति
पलामू टाइगर रिजर्व के कोर एरिया से गांवों को स्थानांतरित करना कोई आसान काम नहीं था। अधिकारियों ने कई रातें गांवों में बिताईं और ग्रामीणों को समझाया। उपनिदेशक कुमार आशीष ने नक्सल प्रभावित जयगिर जैसे गांव में अपने परिवार के साथ रात बिताई और ग्रामीणों के साथ बातचीत की, जिससे उनकी आशंकाओं का समाधान किया गया।
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