सेंट्रल डेस्क: अयोध्या में राम मंदिर के उद्घाटन समारोह में पीएम नरेंद्र मोदी को शामिल होने के लिए आमंत्रित किए जाने के बाद जमीयत उलमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना महमूद मदनी ने बड़ा बयान दिया है।
उन्होंने कहा कि पीएम को अयोध्या या किसी भी स्थान पर आयोजित होने वाले धार्मिक समारोह में शामिल नहीं होना चाहिए. धार्मिक अनुष्ठान राजनीतिक हस्तक्षेप से मुक्त हों और धार्मिक लोग ही इसमें शामिल हों।
कोर्ट के फैसले को ऐतिहासिक तत्थों के खिलाफ बताया
जमीयत उलमा-ए-हिंद के अध्यक्ष ने बाबरी मस्जिद से संबंधित कोर्ट के फैसले को कानूनी और ऐतिहासिक तथ्यों के खिलाफ बताया। जारी बयान में कहा गया है कि हम साफ तौर पर कहना चाहते हैं कि अयोध्या विवाद में सुप्रीम कोर्ट ने जो फैसला सुनाया था, हम उसे सही नहीं मानते हैं।
फैसले के तुरंत बाद हमने अपनी स्थिति साफ कर दी थी कि और कहा था कि यह गलत माहौल में और गलत सिद्धांतों के आधार पर दिया गया फैसला है, जो कानूनी और ऐतिहासिक तथ्यों के भी विरुद्ध है।
22 जनवरी को रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा
बता दें कि 22 जनवरी 2024 को राम मंदिर में प्राण-प्रतिष्ठा का कार्यक्रम होना है। इसको लेकर तैयारियां काफी जोर-शोर से चल रही हैं। 22 जनवरी को मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा के बाद रामलला अपने नए स्थान पर विराजमान हो जाएंगे। अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है।
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