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MLA सरयू राय ने JNAC से पूछा बड़ा सवाल : बगैर सर्टिफिकेट अपार्टमेंट में बिजली-पानी देने के नियम में क्यों किया बदलाव

by Rakesh Pandey
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स्टेट डेस्क, रांची : झारखंड की विधायिका में भ्रष्टाचार के खिलाफ सबसे ऊंची आवाज उठाने वाले जमशेदपुर पूर्वी के MLA सरयू राय ने जमशेदपुर अधिसूचित क्षेत्र समिति JNAC की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिये हैं। विधायक सरयू राय ने जमशेदपुर अक्षेस के विशेष पदाधिकारी को पत्र लिखकर जानकारी मांग की है कि करीब 1 साल के अंदर ऐसी कौन सी परिस्थितियां बदलीं कि कंप्लीशन सर्टिफिकेट और ऑक्यूपेंसी सर्टिफिकेट के बिना ही निर्माणाधीन भवनों को बिजली-पानी देने का फैसला किया गया है। जमशेदपुर अक्षेस(JNAC) कार्यालय से नौ मई 2022 को जारी पहले पत्र और 5 अगस्त 2023 को जारी दूसरे पत्र को आधार बनाते हुए उन्होंने कहा कि इस विषय जारी दोनों पत्र विरोधाभासी प्रतीत हो रहे हैं।

MLA सरयू राय ने इन बिन्दुओं पर खड़े किए सवाल

सवा साल पहले JNAC की ओर से टाटा स्टील लिमिटेड के हेड लैंड एंड मार्केट जमशेदपुर को प्रेषित पत्र में निर्देश है कि भविष्य में जमशेदपुर अधिसूचित क्षेत्र समिति (JNAC)अंतर्गत निर्माण किये जा रहे भवनों में जमशेदपुर अक्षेस निर्गत कंप्लीशन सर्टिफिकेट और ऑक्यूपेंसी सर्टिफिकेट के बिना किसी भी परिस्थिति में पानी, बिजली का संयोजन नहीं दिया जाये। अक्षेस ने इसका कारण बताया था कि इससे अवैध भवन निर्माण और विचलन कर भवन निर्माण को प्रोत्साहन मिल रहा है। इसके बाद 5 अगस्त 2023 को टाटा स्टील लिमिटेड के उन्हीं अधिकारी को सूचित किया है कि प्रासंगिक पत्र तत्काल प्रभाव से स्थगित किया जाता है। संबंधित पत्र की समीक्षा की जा रही है।

MLA सरयू राय ने पूछे अहम सवाल

सरयू राय ने कहा कि उनकी जिज्ञासा है कि पूर्व में हेड लैंड एंड मार्केट टाटा स्टील लिमिटेड को भेजे गये जमशेदपुर अक्षेस के पत्र की पृष्ठभूमि क्या थी?सवा साल के भीतर परिस्थिति में ऐसा क्या परिवर्तन हुआ कि दूसरा पत्र जारी कर पहले के अपने आदेश को तत्काल प्रभाव से स्थगित कराना पड़ा? इस पत्र की समीक्षा करने का निर्णय लेना पड़ा। सरयू राय ने कहा कि जमशेदपुर अक्षेस (JNAC )के विशेष पदाधिकारी उन्हें जानकारी देने का कष्ट करें कि पूर्व के निर्देश को स्थगित करने के लिए उन्हें सरकार अथवा शासन-प्रशासन के किस स्तर से आदेश प्राप्त हुआ है? यदि इसकी समीक्षा हो रही है तो समीक्षा के बिंदु क्या हैं? प्रासंगिक निर्देश की समीक्षा किस स्तर पर, किसके द्वारा और किसके निर्देश से की जा रही है?

कोर्ट केस और बिल्डिंग नियमावली का दिया हवाला

विधायक सरयू राय ने कहा कि जमशेदपुर अक्षेस झारखंड सरकार के बिल्डिंग नियमावली की कंडिका 440 के प्रासंगिक प्रावधान से अवश्य अवगत होगा। जहां तक उनकी जानकारी है इस संदर्भ में झारखंड हाईकोर्ट में इस आशय का एक मुकदमा भी चल रहा है। साथ ही मद्रास उच्च न्यायालय के मुकदमा संख्या 27499/2018 का एक फैसला भी इस संदर्भ में है। इन तथ्यों के आलोक में हाल में जारी किया गया पत्र – आदेश कितना विधिसम्मत है, इस पर आपने अवश्य विचार किया होगा। सरयू राय ने कहा कि यह स्पष्ट करने की अपेक्षा है कि उनके दोनों पत्रों के बीच की अवधि में परिस्थितिजन्य अथवा विधि जन्य कोई परिवर्तन हो गया अथवा सरकार या शासन-प्रशासन के किसी सक्षम प्राधिकार से ऐसा आदेश प्राप्त हो गया कि उन्हें अपने पूर्व के निर्देश को स्थगित कर उसकी समीक्षा करने के लिए बाध्य होना पड़ा। इस संबंध में उन्हें जल्द से जल्द अवगत करायें।

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