चमोली जिले के माणा गांव में एक गंभीर हादसा हुआ है, जहां एक ग्लेशियर टूटने से बर्फीले तुफान की चपेट में आकर 41 मजदूर फंस गए। यह घटना माणा गांव और माणा पास के बीच स्थित सीमा सड़क संगठन (BRO) द्वारा चलाए जा रहे निर्माण कार्य के दौरान घटी। सूचना के अनुसार 57 मजदूर इस हादसे का शिकार हुए थे, जिसमें से अब तक 16 मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया है। बाकी 41 मजदूरों को बचाने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है।
घटना की सूचना मिलते ही प्रशासन और सीमा सड़क संगठन (BRO) की टीम तुरंत मौके पर पहुंच गई है। राहत कार्य में आईटीबीपी, गढ़वाल स्काउट और एनडीआरएफ की टीमें भी जुटी हुई हैं। इस घटना के बाद चमोली के जिलाधिकारी संदीप तिवारी ने तात्कालिक रूप से अधिकारियों को रेस्क्यू कार्य में मदद करने के निर्देश दिए। उन्होंने बताया कि ग्लेशियर टूटने के बाद जो हिमस्खलन हुआ, उसकी चपेट में मजदूर आ गए थे। हालांकि, घटनास्थल पर फिलहाल किसी भी प्रकार की मानव हानि की जानकारी नहीं मिली है, लेकिन मजदूरों के दबे होने की आशंका जताई जा रही है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जताया दुख, रेस्क्यू कार्य में तेजी
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ट्वीट कर इस हादसे पर दुख जताया। उन्होंने कहा कि “चमोली जिले के माणा गांव में ग्लेशियर टूटने के कारण कई मजदूरों के दबने की सूचना दुखद है। राहत और बचाव कार्य जारी है और मैं भगवान बदरी विशाल से सभी मजदूरों के सुरक्षित होने की प्रार्थना करता हूं।” मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि ITBP और अन्य बचाव दल राहत कार्य में पूरी तत्परता से जुटे हुए हैं और जो भी जरूरी सहायता है, वह दी जा रही है।
भारी बारिश के कारण मौसम की स्थिति भी है चिंताजनक
उक्त घटना के बाद, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश के मौसम में भी खासी खराबी देखने को मिल रही है। पिछले दो दिनों से पहाड़ों में भारी बारिश हो रही है, जिससे नदियां उफान पर आ गई हैं और कई स्थानों पर लैंडस्लाइड जैसी घटनाएं भी सामने आई हैं। हिमाचल प्रदेश के कुल्लू और मंडी जिले में भी भारी बारिश के कारण तबाही मच चुकी है। कुल्लू में ओवरफ्लो के चलते नालों में पानी भर जाने से कई गाड़ियां बह गईं, वहीं मंडी में लैंडस्लाइड के कारण चंडीगढ़-मनाली नेशनल हाइवे बंद हो गया है। इन घटनाओं ने राज्य के विभिन्न हिस्सों में गंभीर हालात पैदा कर दिए हैं।
हिमाचल प्रदेश में ऑरेंज अलर्ट जारी, राहत कार्यों के लिए जुटे बचाव दल
मौसम विभाग ने हिमाचल प्रदेश के विभिन्न इलाकों में भारी बारिश के कारण ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। नदियों और नालों में पानी का स्तर बढ़ने की संभावना के कारण यहां के कई इलाकों में खतरे की स्थिति पैदा हो सकती है। वहीं, प्रदेश के प्रशासन और पुलिस विभाग ने राहत कार्यों में तेजी ला दी है और लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने का काम भी जारी है।
उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश दोनों राज्यों में मौजूदा मौसम हालात ने स्थानीय प्रशासन और बचाव दलों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। इन दोनों राज्यों में लगातार बारिश और बर्फबारी के कारण सड़कें बाधित हैं, नदियां उफान पर हैं और पर्यटकों तथा स्थानीय लोगों के लिए स्थिति खतरे की ओर बढ़ रही है।
नैतिक जिम्मेदारी के साथ सामने आया प्रशासन: रेस्क्यू कार्य में हर संभव मदद
साथ ही, प्रशासन ने माणा गांव के आसपास के इलाके में स्थिति की समीक्षा करने और आगे के कदम उठाने के लिए त्वरित रूप से रेस्क्यू कार्य शुरू किया है। बचाव कार्य में लगे दलों ने पूरी मेहनत से कार्य किया है ताकि सभी फंसे हुए मजदूरों को समय रहते सुरक्षित निकाला जा सके। इन घटनाओं ने पहाड़ी इलाकों में बर्फबारी और बारिश के खतरों को और अधिक उजागर किया है, जिससे भविष्य में ऐसी घटनाओं से निपटने के लिए और प्रभावी कदम उठाने की आवश्यकता पर बल दिया गया है।
भारत के उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में ग्लेशियर टूटने और भारी बारिश की घटनाएं, प्रशासन और बचाव दल की तत्परता से ही मजदूरों की जान बचाई जा सकती है। इस दिल दहला देने वाले हादसे ने हर किसी को यह याद दिलाया है कि मौसम और प्रकृति की तबाही से निपटना एक चुनौती बन सकता है। हम सभी की दुआएं उन मजदूरों के साथ हैं जो इस हादसे में फंसे हुए हैं।