Jamshedpur (Jharkhand): ओडिशा और पश्चिम बंगाल की सीमा से बड़े पैमाने पर जारी अवैध गौ हत्या और गोमांस तस्करी की गंभीर शिकायतों को लेकर विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के एक प्रतिनिधिमंडल ने मंगलवार को जमशेदपुर के उपायुक्त को एक विस्तृत ज्ञापन सौंपा। परिषद ने इन गतिविधियों पर तत्काल रोक लगाने की मांग की है, चेतावनी दी है कि यदि प्रशासन ने शीघ्र कार्रवाई नहीं की तो वे बड़े स्तर पर आंदोलन करने को मजबूर होंगे।
सीमावर्ती क्षेत्रों और मुस्लिम बहुल बस्तियों में अवैध गोकशी
विहिप के महानगर गो-रक्षा प्रमुख दीपक शर्मा, प्रांत संयोजक गब्बूलाल जयसवाल और महानगर अध्यक्ष अजय गुप्ता के नेतृत्व में सौंपे गए ज्ञापन में जिले के सीमावर्ती थाना क्षेत्रों और कुछ मुस्लिम बहुल बस्तियों में हो रही अवैध गोकशी पर गहरी चिंता व्यक्त की गई है।
ज्ञापन में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि डुमरिया, गुड़ाबांधा, बहरागोड़ा, धालभूमगढ़, चाकुलिया जैसे थाना क्षेत्रों से बड़ी संख्या में गोवंश को हत्या के उद्देश्य से पश्चिम बंगाल सीमा में भेजा जा रहा है। इसके अलावा, जमशेदपुर के भीतर ही हल्दीपोखर, बारीनगर, जुगसलाई, मानगो, आजादनगर और मकदमपुर जैसी मुस्लिम बहुल बस्तियों में भी खुलेआम गोहत्या की जा रही है और गोमांस की पैकेजिंग कर शहर के विभिन्न हिस्सों में उसकी अवैध आपूर्ति की जा रही है।
विहिप की कड़ी मांगें: विशेष निगरानी और सख्त कार्रवाई
विश्व हिंदू परिषद ने उपायुक्त से तुरंत प्रभावी कदम उठाने की मांग की है। उनकी प्रमुख मांगें इस प्रकार हैं:
*सीमावर्ती थाना क्षेत्रों में विशेष निगरानी अभियान चलाया जाए।
*अवैध गोवंश तस्करी और गोकशी पर सख्त कार्रवाई की जाए।
*पकड़े गए गोवंश को तत्काल मुक्त कर सुरक्षित स्थानों पर भेजा जाए।
*गोमांस की पैकेजिंग और उसकी अवैध आपूर्ति पर तत्काल रोक लगाई जाए।
*प्रतिनिधिमंडल ने जोर देकर कहा कि झारखंड में गोहत्या और गोमांस व्यापार पर सख्त प्रतिबंध है, इसके बावजूद जिले के कई क्षेत्रों में खुलेआम कानून का उल्लंघन हो रहा है।
उपायुक्त का आश्वासन, लेकिन विहिप आंदोलन को तैयार
उपायुक्त ने विहिप प्रतिनिधिमंडल को आश्वासन दिया कि ज्ञापन में उठाए गए सभी बिंदुओं पर गंभीरता से विचार किया जाएगा और संबंधित विभागों को आवश्यक कार्रवाई के निर्देश दिए जाएंगे। उन्होंने यह भी कहा कि अवैध गोकशी और तस्करी पर रोक लगाने के लिए जल्द ही विशेष अभियान चलाया जाएगा।
हालांकि, विहिप ने स्पष्ट कर दिया है कि यदि प्रशासन की ओर से शीघ्र और प्रभावी कार्रवाई नहीं होती है, तो वे गौ रक्षा के लिए बड़े स्तर पर जन आंदोलन करने को मजबूर होंगे। इस मुद्दे पर शहर में तनाव बढ़ सकता है, और प्रशासन पर कानून का पालन सुनिश्चित कराने का दबाव भी बढ़ गया है।