खरसावां : आजाद भारत के सबसे भीषण गोलीकांड, खरसावां गोलीकांड के शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा बुधवार को अपनी धर्मपत्नी मीरा मुंडा के साथ खरसावां शहीद वेदी पहुंचे। यहां उन्होंने शहीदों को श्रद्धांजलि दी और इस स्थल के विकास पर चर्चा की।
खरसावां शहीद स्थल का सौंदर्यीकरण और विकास
मीडिया से बातचीत के दौरान अर्जुन मुंडा ने कहा कि उनके कार्यकाल में इस स्थल का जीर्णोद्धार और सौंदर्यीकरण किया गया था, जिससे यह स्थान अब एक प्रेरक स्थल के रूप में विकसित हो चुका है। उन्होंने बताया कि हर साल 1 जनवरी को हजारों लोग यहां पहुंचते हैं और अपने पूर्वजों को श्रद्धांजलि अर्पित कर नए साल की शुरुआत करते हैं। अर्जुन मुंडा ने यह भी बताया कि इस स्थल पर पहले हाट लगता था, जिससे शहीद स्थल की गरिमा धूमिल हो चुकी थी। विधायक और मुख्यमंत्री बनने के बाद उन्होंने इस स्थल का सौंदर्यीकरण किया, जो एक बड़ी चुनौती थी।
राजकीय शोक व प्रशासनिक विफलता पर उठाए सवाल
पूर्व मुख्यमंत्री ने प्रशासन पर सवाल उठाते हुए कहा कि देश में 7 दिनों का राजकीय शोक घोषित होने के बावजूद भी विभिन्न राजनीतिक दलों के बैनर और पोस्टर लगे हुए हैं। उन्होंने इसे प्रशासनिक विफलता बताया और कहा कि यह दर्शाता है कि इन राजनीतिक दलों को पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय डॉ. मनमोहन सिंह के प्रति कोई संवेदना नहीं है।
शहीदों को सम्मान देने की अपील
अर्जुन मुंडा ने कहा कि धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती के अवसर पर भारत सरकार ने देशभर के शहीदों को चिन्हित करने और उन्हें सम्मान देने की योजना बनाई है। उन्होंने राज्य सरकार से इस प्रयास में सहयोग करने की अपील की।
झारखंड सरकार से शहीदों की सूची उपलब्ध कराने की अपील
खरसावां गोलीकांड के शहीदों को चिन्हित करने के सवाल पर अर्जुन मुंडा ने कहा कि इस घटना के समय यह क्षेत्र उड़ीसा के अधीन था और बाद में बिहार का हिस्सा बना। इसके अभिलेख कहीं नहीं हैं। उन्होंने कहा कि पूर्व सरकारों ने इस पर गंभीरता नहीं दिखाई, लेकिन अब भारत सरकार ने पहल की है। राज्य सरकार से उन्होंने अपील की कि वे स्थानीय संसाधनों का इस्तेमाल करके शहीदों की सूची तैयार कर उन्हें उचित सम्मान दें। इस पर एक आयोग गठित करने की सलाह भी उन्होंने दी।