घाटशिला : घाटशिला महाविद्यालय में एनसीसी इकाई द्वारा शहीद गणेश हांसदा के चौथे शहादत दिवस पर श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया। इस मौके पर वीर सपूत शहीद गणेश हांसदा के चित्र पर माल्यार्पण करते हुए प्राचार्य डा आर के चौधरी ने बताया कि मुझे अपने इस शिष्य पर गर्व है। उन्होंने कहा कि गणेश हांसदा वर्ष 2015 में बहरागोड़ा से मैट्रिक परीक्षा उत्तीर्ण कर एनसीसी का प्रशिक्षण प्राप्त करने के उद्देश्य जमशेदपुर के करनडीह स्थित एलबीएसएम कॉलेज में आईएससी में अपना नामांकन करवाने के साथ एनसीसी में भर्ती हेतु आवेदन दिया था।
उस समय मैं वहां कैप्टन रैंक का एनसीसी अधिकारी था। प्रथम बार गणेश से 8 अगस्त 2015 में साक्षात्कार के क्रम में मिला था। मेरे मार्गदर्शन में 3 वर्षों का एनसीसी प्रशिक्षण लेने के बाद 2018 में आर्मी में भर्ती हेतु रांची के मोराबादी मैदान में आयोजित दौड़ में शामिल हुआ और प्रथम बार में ही इसका चयन 16 बिहार रेजीमेंट में सिपाही के पद पर हो गया।
प्राचार्य डा चौधरी ने बताया कि मेरे एनसीसी अधिकारी के कार्यकाल 2000 से 2020 तक में 1000 से अधिक छात्र छात्राओं ने एनसीसी प्रशिक्षण लेकर सरकारी सेवा प्राप्त किया। जिनमें 768 कैडेट भारतीय सेना में शामिल हुए। प्राचार्य ने यह भी बताया कि उनके उत्कृष्ट प्रशिक्षण व कार्यकलाप हेतु उन्हें राज्य का सर्वश्रेष्ठ अधिकारी के साथ देश के रक्षा मंत्री द्वारा प्रशंसा पत्र एवं मैडल भी मिल चुका है। दो बार राज्यपाल द्वारा भी पुरस्कृत हो चुके हैं तथा प्रशस्ति पत्र प्राप्त हो चुका है।
उन्होंने कहा कि गणेश हांसदा बहुत ही अनुशासित एवं निष्ठावान कैडेट था। वह अपने गांव बांसदा, कोसाफलिया बहरागोड़ा से जमशेदपुर के एलबीएसएम कॉलेज पहुंचने में कभी भी बिलंब नहीं करता था। जब उन्हें 2018 में नौकरी मिली तो उन्हें 37 झारखंड बटालियन एनसीसी, जमशेदपुर द्वारा पुरस्कृत किया गया था। आर्मी प्रशिक्षण के बाद दानापुर, पटना में 9 महीने का प्रशिक्षण लेने के बाद प्रथम बार उसकी पोस्टिंग लद्दाख में हुई। जहां गलवान घाटी में 15 जून 2020 की रात में चीनी सैनिकों के साथ हुई हिंसक झड़प में वीरता के साथ संघर्ष करते हुए वह वीरगति को प्राप्त हो गए।
प्राचार्य डा चौधरी ने बताया कि उनके शहीद होने का समाचार उन्हें 16 जून 2020 को जैसे मिला तो वे गणेश हांसदा के गांव गए और उनके माता-पिता एवं भाई से मिलकर सान्त्वना दिए। उनका पार्थिव शरीर जब 18 जून को तिरंगा में लिपटकर कोसाफलिया आया तो राजकीय सम्मान से उनका अंतिम संस्कार हुआ। गणेश हांसदा ने राष्ट्र सुरक्षा में अपना बलिदान देकर अपने परिवार, समाज, क्षेत्र, संस्थान, एनसीसी व राज्य को गौरवान्वित किया है। मुझे अपने शिष्य पर गर्व है।
शहादत दिवस कार्यक्रम में कॉलेज के एनसीसी अधिकारी लेफ्टिनेंट महेश्वर प्रमाणित के अलावा काफी संख्या में एनसीसी कैडेट शामिल हुए। घाटशिला महाविद्यालय में श्रद्धांजलि सभा के बाद प्राचार्य डॉ आर के चौधरी, एनसीसी अधिकारी लेफ्टिनेंट एम प्रमाणित वअन्य एनसीसी कैडेट के साथ शहीद गणेश हांसदा के गांव कोसाफलिया जाकर वहां आयोजित श्रद्धांजलि सभा में भी शामिल हुए।