Ranchi (Jharkhand) : विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) के केंद्रीय महामंत्री बजरंग बागड़ा ने देश में बिना वीजा के हो रही विदेशी घुसपैठ पर गहरी चिंता व्यक्त की है। उन्होंने राज्य सरकार और केंद्र सरकार से ऐसे लोगों को चिन्हित कर सख्त कार्रवाई करने और उन्हें देश से वापस भेजने की मांग की है। बागड़ा ने कहा कि भारत में विदेशियों के प्रवेश के लिए वीजा कानून स्पष्ट रूप से बने हुए हैं और उनका सख्ती से पालन सुनिश्चित किया जाना चाहिए, क्योंकि यह देश की सुरक्षा के लिए खतरा है।
‘लैंड जिहाद’ पर भी जताई चिंता
बुधवार को एयरपोर्ट रोड स्थित होटल ग्रीन एकर्स में आयोजित एक प्रेस वार्ता में बजरंग बागड़ा ने झारखंड में ‘लैंड जिहाद’ के बढ़ते मामलों पर भी चिंता जताई। उन्होंने आरोप लगाया कि जिहादी कानूनों का गलत इस्तेमाल कर जमीनों पर कब्जा कर रहे हैं और सरकार को इस पर तत्काल ध्यान देना चाहिए।
‘ऑपरेशन सिंदूर’ स्थगित, समाप्त नहीं
इस अवसर पर बजरंग बागड़ा ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को लेकर भी स्पष्टीकरण दिया। उन्होंने कहा कि यह ऑपरेशन स्थगित किया गया है, न कि समाप्त। उन्होंने भारत सरकार द्वारा आतंकवाद के खिलाफ की गई कार्रवाई की सराहना करते हुए कहा कि विश्व हिंदू परिषद सरकार के इस कदम का स्वागत करती है और उनके साथ खड़ी है।
आतंकवाद पर कड़ा रुख अपनाने का आह्वान
बजरंग बागड़ा ने कहा कि भारत ने आतंकवाद के खिलाफ हमेशा कड़ा रुख अपनाया है और अब किसी भी आतंकवादी घटना को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने सीजफायर का स्वागत करते हुए यह शर्त रखी कि यदि भविष्य में कोई भी आतंकवादी घटना होती है, तो उसे ‘युद्ध की कार्रवाई’ (Act of War) माना जाना चाहिए।
सेना के शौर्य की प्रशंसा
उन्होंने भारतीय सेना के शौर्य और पराक्रम की प्रशंसा करते हुए कहा कि सेना की प्रभावी कार्रवाई और सरकार की मजबूत इच्छाशक्ति के कारण ही आतंक के ठिकानों को नष्ट किया जा सका है। उन्होंने कहा कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के माध्यम से भारत ने आतंकवाद के खिलाफ अपना दृढ़ संकल्प स्पष्ट कर दिया है। जो भी भारत पर बुरी नजर रखेगा या आतंकवादी घटनाओं को अंजाम देने की साजिश रचेगा, उसका वही हश्र होगा।
इस प्रेस वार्ता में वीएचपी के प्रांत अध्यक्ष चंद्रकांत रायपत, प्रांत मंत्री मिथिलेश्वर मिश्र और प्रांत प्रचार प्रमुख प्रकाश रंजन भी उपस्थित थे। सभी ने बजरंग बागड़ा के विचारों का समर्थन किया और राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दों पर अपनी चिंता व्यक्त की।