नई दिल्ली: आज दिन शुक्रवार (10 नवंबर ) है और आज के दिन धनतेरस का महापर्व है। इसे छोटी दिपावली भी कहा जाता है। सनातन धर्म में इसका विशेष महत्व है।
ज्योतिषशास्त्र के अनुसार, इस साल धनतेरस पर काफी शुभ योग बन रहे हैं। जिसका लाभ सभी को मिलेगा। सनातन परंपना में धनतेरस के साथ ही पांच दिवसीय दीपोत्सव की शुरुआत हो जाती है।
धनतेरस खरीदारी के लिए जाना जाता है और इस दिन सनातन धर्म को मानने वाला हर परिवार कुछ न कुछ खरीदता है। ताकि उनके घर में मां लक्ष्मी और भगवान कुबेर का वास हो और वे हमेशा खुश रहे हैं। इस दिन सोना-चांदी सहित अन्य चीजों की खरीदारी करना शुभ माना जाता है।
जानिए क्यों कहते हैं इसे धनतेरस:
लोग धन और समृद्धि की देवी देवी लक्ष्मी और भगवान कुबेर की पूजा करते हैं। इस दिन को धन्वंतरि जयंती के रूप में भी मनाया जाता है।
धनतेरस त्रयोदशी तिथि को मनाया जाने वाला है इसलिए इसे धनत्रयोदशी के नाम से भी जाना जाता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, इस साल धनतेरस का दिन काफी खास है, क्योंकि कई ग्रहों की स्थिति में बदलाव हुआ है।
माना जा रहा है कि ऐसा संयोग करीब 59 साल के बाद बना है। वहीं शुक्र प्रदोष और विष कुंभ योग का महासंयोग एक साथ हो रहा है।
ऐसे में यदि वृषभ लग्न के दौरान कोई काम किया जाए तो उसमें ठहराव आता है। ऐसे में इस समय में सोना, चांदी या किसी भी चीज की खरीदारी करना इस दिन बेहद शुभ और फलदायी साबित होगा।
इस लिए धनतेरस पर खरीदते हैं सोना:
कहते हैं कि समुद्र मंथन से निकले भगवान धन्वंतरि के हाथ में जो अमृत कलश था वह सोने का था। यही वजह है कि धनतेरस पर बर्तन और सोना खरीदने की परंपरा शुरू हुई।
परिवार में समृद्धि की कामना से इस दिन चांदी के सिक्के, गणेश व लक्ष्मी जी की मूर्तियां और ज्वेलरी की खरीदारी की जाती है।
धनतेरस पर खरीदारी का शुभ मुहूर्त :
ज्योतिषाचार्य पंडित एसएन झा बताते हैं कि धनतेरस पर शुभ मुहूर्त में खरीदारी करना अच्छा माना जाता है। पंचांग के अनुसार धनतेरस के दिन यानी 10 नवंबर को दोपहर 12 बजकर 35 मिनट से लेकर अगले दिन यानी 11 नवंबर की सुबह तक खरीदारी करने का शुभ मुहूर्त है। इस लिए इस शुभ मुहूर्त में ही खरीदारी करें।
धनतेरस पूजा मुहूर्त:
धनतेरस पर भगवान गणेश, मां लक्ष्मी और धन के देवता कुबेर की पूजा की जाती है। पंडित एसएन झा बताते हैं कि इस धनतेरस पर लक्ष्मी पूजा का शुभ मुहूर्त 10 नवंबर, शुक्रवार को शाम 05 बजकर 48 मिनट से शाम 07 बजकर 47 मिनट तक रहेगा। शाम को धन्वंतरि पूजा और यम दीपदान के लिए 1-1 मुहूर्त होंगे।
11 नवंबर को प्रीति और सर्वार्थसिद्धि योग बन रहे हैं। इस कारण हर तरह की खरीदारी, निवेश और नई शुरुआत के लिए दोनों दिन शुभ रहेंगे।
प्रदोष काल-: 17:30 से 20:08 तक
वृषभ लग्न काल-: 17:48 से 19:44
धनतेरस पूजन की कुल अवधि 01 घंटा 56 मिनट है।