Jamshedpur : जमशेदपुर के भुइयांडीह के निर्मलनगर स्थित होटल अतिथि भवन को लेकर सीलिंग विवाद मामले में गुरुवार को झारखंड की डीजीपी तदाशा मिश्रा, जमशेदपुर के वरीय पुलिस अधीक्षक पियूष पांडेय और सीतारामडेरा थाना प्रभारी विनय प्रसाद मंडल को झारखंड उच्च न्यायालय में न्यायमूर्ति राजेश कुमार की एकल खंडपीठ के समक्ष सशरीर उपस्थित होना पड़ा।
यह निर्देश झारखंड के पूर्व भू-राजस्व मंत्री दुलाल भुइयां की पत्नी एवं होटल की संचालिका अंजना भुइयां द्वारा दायर रिट याचिका WP(C) 4309/2024 पर 18 नवंबर को हुई सुनवाई के दौरान दिया गया था।
सुनवाई के दौरान अदालत ने पुलिस की अनुसंधान प्रक्रिया पर कड़ी नाराजगी जताई। न्यायालय ने कहा कि जिम्मेदार पुलिस अधिकारियों ने जांच की प्रक्रिया में अपनी जिम्मेदारी का सही तरीके से निर्वहन नहीं किया और बिना ठोस दस्तावेजी पुष्टि के होटल में छापेमारी कर उसे सील करना कानून के सिद्धांतों के खिलाफ है।
अदालत ने टिप्पणी की कि यदि होटल संचालन की लाइसेंस वैधता की जांच करनी थी, तो संबंधित विभाग से उसकी जानकारी ली जा सकती थी, परंतु पुलिस ने केवल सूचना के आधार पर कार्रवाई कर सभ्य समाज के सामने कानून की गलत तस्वीर पेश कर दी, जिससे आम लोगों में यह संदेश गया कि पुलिस किसी भी नागरिक को अपराधी साबित करने में तत्पर रहती है।
कोर्ट ने कहा कि तीन कमरों को सील करना तर्कसंगत नहीं, यदि होटल अवैध था, तो उसे पूरी तरह सील करना चाहिए था। याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता जैद इमाम ने कहा कि छापेमारी के 40 दिन बाद प्राथमिकी दर्ज की गई, जो न्याय के सिद्धांतों के विपरीत है और इससे याचिकाकर्ता की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचा है तथा पुलिस पर से आम जनता का भरोसा कमजोर हुआ है।
अदालत ने 48 घंटे के अंदर होटल अतिथि भवन के सील किए गए कमरों को खोलने का आदेश दिया और कहा कि पहले कमरे खोले जाएंगे, उसके बाद मामले की आगे सुनवाई की जाएगी।

